सार

 बीकानेर के पीबीएम हॉस्पटिल में अमरसर गांव की गर्भवती महिला धापू देवी संक्रमित होने के बाद भर्ती थी। उसके शरीर में सक्रमण इतना ज्यादा बढ़ गया था कि उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ गया। इसी बीच मंगलवार शाम को महिला की डिलवरी हुई, जहां उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया।  
 

बीकानेर (राजस्थान). कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचाकर रखा है। इसी बीच राजस्थान के बीकानेर से एक दिल खुश कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां संक्रमित महिला जो कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। हैरानी की बात यह है कि वह नवजात की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यानि मां की कोख में कोरोना उसका कुछ नहीं बिगाड़ सका।

महिला को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा 
दरअसल, बीकानेर के पीबीएम हॉस्पटिल में अमरसर गांव की गर्भवती महिला धापू देवी संक्रमित होने के बाद भर्ती थी। उसके शरीर में सक्रमण इतना ज्यादा बढ़ गया था कि उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ गया। इसी बीच मंगलवार शाम को महिला की डिलवरी हुई, जहां उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया।  

नवजात को देखते ही परजन खुश
महिला के परिजनों को जब बेटे के जन्म के बारे में पता चला तो उनके चेहरे पर मायूसी छाई हुई  थी। उनको यही डर सता रहा था कि कहीं कोरोना उनके मासूम बच्चे को भी कोरोना ना हो जाए। लेकिन जब डॉक्टरों ने नवजात की जांच की तो उसकी रिपोर्ट निगेटिन आई। जिसके बाद परिजनों के चेहरे पर खुशी दिखाई देने लगी। वह बच्चे को अपने साथ ले गए, वहीं महिला का कोरोना वार्ड में इलाज चल रहा है।

 मां की गोद से भी ज्यादा सुरक्षित मां की कोख
महिला का इलाज करने वाली डॉक्टरों की टीम और अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. घनश्याम सिंह सेंगर ने बताया कि नवजात के लिए मां की गोद से भी ज्यादा सुरक्षित मां की कोख है। कोरोना का वायरस गर्भ तक नहीं पहुंच पाता है। इतना ही नहीं संक्रमित मां अपने नवजात बच्चे को दूध भी पिला सकती है। मां के दूध में भी कोई संक्रमण नहीं होता है। इस दौरान अगर महिला ने मास्क नहीं लगाया तो संक्रमण बच्चे तक पहुंच सकता है।