सार

राजस्थान से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक हत्या के आरोपी को पुलिस ने पूरे 22 साल बाद गिरफ्तार किया है। हैरान की बात यह है कि आरोपी ने जब हत्या की थी तो वह 22 साल का था, जिसके चेहरे पर दाढ़ी मूछ भी नहीं थी। लेकिन अब उसकी उम्र 44 साल हो चुकी है और लंबी सफेद दाढ़ी है। आरोपी गुडगांव में मजदूरी कर रहा था।

जयपुर (राजस्थान). फिल्मों में आपने कई बार सुना होगा कि कानून के हाथ लंबे होते हैं....। सोचा भी होगा कि कैसे होते हैं... तो हम आपको इसका जवाब देते हैं। जवाब से आप भी जरुर संतुष्ट हो जाएंगे। जवाब है राजस्थान की चूरू पुलिस के पास...। दरअसल पुलिस ने हत्या के एक मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को पकडा है और वह भी पूरे 22 साल क बाद। जब वह हत्या कर भागा था तो उस समय 22 साल का था, दाढ़ी मूछ आ ही रही थी। अब पकडा गया तब 45 का हो चुका थां दाढ़ी, मूछ, बाल सब सफेद हो चुके थे।

हत्या के बाद करने लगा था मजदूरी
 चूरू पुलिस ने हत्या के इस आरोपी को पकडकर हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा पुलिस को सौंपा है। जिस युवक की हत्या हई थी वह चूरू का रहने वाला था, उसे चूरू से अपहरण कर हनमानगढ़ ले जाया गया और वहां पर उसके कई टुकडे कर नहर में बहा दिया गया था। 22 साल पहले पीलीबंगा पुलिस ने केस दर्ज किया था। पुलिस ने बताया कि 22 साल से आरोपी राजेन्द्र सिंह फरार चल रहा था। वह गुडगांव में मजदूरी कर रहा था। 22 साल के दौरान दस बार से भी ज्यादा वह अपने गांव आया, लेकिन चूरू पुलिस को पता नहीं चल सका। आखिर उसे दबोच ही लिया गया।

दोस्त के लिए की थी हत्या, अब जाकर खुला पूरा राज
चूरू जिले की भालेरी पुलिस ने हत्या के आरोपी राजेन्द्र सिंह उर्फ राजू को पकडा है। वह चूरू में ही स्थित अपने गांव में परिवार से मिलने रात के समय आया था और अगली रात को फिर से फरार होने वाला था। लेकिन इस बारे में आखिर भालेरी पुलिस को खबर मिल ही गईं। पुलिस ने आधी रात के बाद उसे घर से उठा लिया। उसने बताया कि उसने 22 साल पहले अपने दोस्त के कहने पर गोलूवाला, पीलीबंगा में हत्या की थीं। दोस्त सूबेसिंह की विधवा बहन का शीशकरण नाम के एक यवक के साथ चक्क्र चल रहा था। इस दौरान सूबेसिंह ने शीशकरण और अपनी बहन को कई बार समझाया लेकिन वे नहीं माने। इस पर सूबेसिंह ने अपने दोस्त राजेन्द्र सिंह को इस बारे में बताया। राजेन्द्र और दो अन्य साथी शीशकरण से मिले और दोस्ती की। उसके बाद उसे जान से मारने के लिए पार्टी करने के बहाने हनुमानगढ़ तक ले गए। वहां पर पार्टी भी की और उसके बाद शीशकरण को काटकर इंदिरागांधी नगर में बहा दिया गया।