सार
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस गहलोत सरकार गुड गवर्नेंस का मैसेज देते हुए आमजन की सुविधा को ध्यान रखते हुए लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कानून लाने वाली है। जिसमें आमजन को परेशान करने व काम नहीं करने पर नौकरी तक जाने का रिस्क रहेगा।
जयपुर (jaipur). राजस्थान में लापरवाह सरकारी अधिकारियों के खिलाफ गहलोत सरकार जल्द ही एक बड़ा कानून लाने जा रही है। ऐसे में यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने काम में लापरवाही करता है या फिर आमजन को काम के लिए चक्कर कटवाता है तो ऐसे ही सरकारी कर्मचारी की नौकरी चली जाएगी। बकायदा इसके लिए सरकार अलग से कानून भी लेकर आ रही है। यह कानून बजट सत्र में पास किया जाएगा। इसकी ड्राफ्टिंग भी शुरू हो चुकी है।
राजस्थानी लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी और जवाबदेही विधेयक 2022 होगा नाम
इस कानून का नाम राजस्थानी लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी और जवाबदेही विधेयक 2022 होगा। बकायदा इसके लिए सरकार ने 30 नवंबर तक आमजन से प्रशासनिक सुधार विभाग की वेबसाइट पर सुझाव भी मांगे हैं। वहीं जोधपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा भी था कि कई संगठन इस कानून को लाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अब जल्द ही यह कानून लाया जाएगा।
आमजन ही नहीं दिखा रहे रुचि
भले ही सरकार जनता के फायदे के लिए यह कानून लेकर आ रही हो। लेकिन आमजन ही इसमें कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। प्रशासनिक सुधार विभाग की वेबसाइट पर सुझाव देने की अंतिम तारीख पहले 9 नवंबर थी। लेकिन सुझाव कम आए तो फिर इसे बढ़ाकर 30 नवंबर किया गया है। राजस्थान में इस कानून की मांग को लेकर राजस्थान में कई बार आंदोलन भी हो चुका है।
काम नहीं करने पर जा सकती है सरकारी नौकरी
इस कानून के तहत के बातों का सरकारी कर्मचारियों को ध्यान रखना होगा। इसमें हर सरकारी विभाग में ज्यादा से ज्यादा 30 दिन में काम करना होगा। सरकारी विभागों को हर काम के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा पूछने पर यह बताना होगा कि उसका काम कौन सा अधिकारी या कर्मचारी कर रहा है। संबंधित काम को करने या न करने के लिए एक सरकारी कर्मचारी की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी तय होगी। वाजिब और नियमों से होने वाले काम को टाइम पर नहीं करने पर जवाब दें है कार्मिक पर आर्थिक प्रशासनिक और लीगल कार्रवाई होगी। लगातार तीन बार जवाबदेही का उल्लंघन करने वाले कार्मिक की सरकारी नौकरी पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
इस कानून के बनने की चर्चाओं के साथी राजस्थान के अधिकारियों में इसका विरोध शुरू हो चुका है। सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि यह कानून लागू होने के बाद उनका नौकरी करना बहुत कठिन हो जाएगा।
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