सार
राजस्थान के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुजरात से लाई गई शेरनी सृष्टि रविवार 24 जुलाई की शाम से लापता थी जिसे तलाशने की कोशिश में वन विभाग की 8 टीमें 30 घंटे से जुटी हुई थी। वह बुधवार 27 जुलाई की सुबह आराम करते हुए मिली।
जयपुर. जयपुर में दस हजार लोगों की आबादी के पास स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से गायब हुई तीन साल की शेरनी सृष्टि आखिर आज सवेरे मिल ही गई। वह रविवार शाम से लापता था। उसकी तलाश में चालीस वनकर्मी लगे हुए थे। आज सवेरे वह बायो पार्क के ही एक कोने में आराम करती हुई मिली। बाद में उसे उसके केज के लिए खदेड़ा गया। इस खबर के बाद आसपास की बस्तियों में रहने वाले दस हजार से भी ज्यादा लोगों ने राहत की सांस लीं। इन्हें डर था कि कहीं शेरनी अपने इलाके से बाहर नहीं आ जाए और लोगों पर हमला नहीं कर दें। जिस तरह करीब दो महीने पहले एक भालू कॉलोनी में घुस आया था।
गुजरात से लाई गई थी शेरनी, अब त्रिपुर से लाए शेर संग जोड़ा बनाएगी
बायो पार्क के अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही त्रिपुर से लाए गए शेर के लिए शेरनी सृष्टि को तैयार किया जा रहा है। उसे शेर के पिंजरे के पास वाले पिंजेर में ही बंद रखा जा रहा है ताकि दोनो में बांउडिंग हो सके। हर शाम शेरनी को अपने केज में बंद किया जाता है। वह भी समय जानती है और शाम होते होते अपने पिंजरे के पास लौट आती है। लेकिन रविवार को ऐसा नहीं हो सका। वह वापस नहीं लौटी तो हंगामा मच गया। सृष्टि को पिछले साल गुजरात के शक्करगढ़ से जयपुर लाया गया था। वह अकेली रह रही थी। उसके साथ जोड़ा बनाने के लिए फिर त्रिपुर से शेर लाया गया।
डर था कहीं कटाव होने से मिट्टी हट नहीं गई हो, परेशानी होना तय था
बायो पार्क के अधिकारियों ने बताया कि बारिश का समय चल रहा है। बारिश में कई बार इलाके में लगे लोहे के जाल के नीचे से मिट्टी कट जाती है। इस बार भी जब शेरनी वापस नहीं लौटी तो सबसे पहले यह कटाव जांचा गया। गनीमत रही कि कहीं पर भी कटाव नहीं था। बाद में शेरनी को तलाशना शुरु कर दिया गया। आज सवेरे वह मिल गई और उसे वापस अपने केज में भेज दिया गया। अगर मिट्टी कटाव के बाद वहां बने छेद से वह बाहर निकल जाती तो परेशानी बढ़ना तय था।
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