सार

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इक्कीस हजार पांच सौ से भी ज्यादा मतदाता अपने मतों का प्रयोग करेंगे।  राजस्थान में दो साल के बाद आखिर शुक्रवार को छात्रसंघ चुनाव हो रहे हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर। 

जयपुर. राजस्थान में दो साल के बाद आखिर शुक्रवार को छात्रसंघ चुनाव के लिए वोटिंग हुई। सुबह आठ बजे से मतदान शुरु हुआ और दोपहर एक बजे तक चला। मतगणना शनिवार सुबह शुरु होगी और फिर दोपहर बाद तक परिणाम आना शुरु हो जाएगा। इस बार राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर सरकार ने कुछ सख्ती दिखाई है। लेकिन उसके बाद भी छात्रों में जोश है। राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में त्रिकोणीय संघर्ष है और इस संघर्ष में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और यहां तक की सीधे तौर पर सीएम अशोक गहलोत की साख दांव पर लगी हुई है।

15 विश्वविद्यालय और 400 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों में हो रहे चुनाव
राजस्थान के 15 विश्वविद्यालयों पर वोटिंग हुई। इनमें सबसे ऊपर राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर और फिर जोधपुर का विश्वविद्यालय है। उसके बाद 400 से भी ज्यादा राजकीय कॉलेजों में भी चुनाव के लिए वोटिंग हुई। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की बात की जाए तो अध्यक्ष पद के लिए छह प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन सीधा संघर्ष तीन नेताओं में ही माना जा रहा है।

इनमें एनएसयूआई से रितु बराला, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से नरेन्द्र यादव और दौसा जिले के मंत्री की बेटी निर्दलीय निहारिका जोरवाल है। बताया जा रहा है कि रितु बराला को जाट होने के कारण टिकट दिया गया है। पीसीसी अध्यक्ष भी जाट हैं जो सीएम के बेहद नजदीकी हैं। उधर निर्दलीय निहारिका जोरवाल मंत्री मुरारी लाल मीणा की दत्तक पुत्री है। मुरारी लाल मीणा सचिन पायलट गुट के माने जाते हैं। गौरतलब है कि सीएम और सचिन पायलट दोनों में 36 का आंकड़ा है। 

21 हजार से ज्यादा मतदाता 
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इक्कीस हजार पांच सौ से भी ज्यादा मतदाता अपने मतों का प्रयोग किया। राजस्थान विश्वविद्यालय के अलावा भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विवि में अध्यक्ष पद के लिए 3 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां 234 मतदाता हैं। बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विवि में अध्यक्ष पद पर 3 प्रत्याशी और 903 मतदाता हैं। मत्स्य विवि अलवर में अध्यक्ष पद पर 4 प्रत्याशी हैं और 142 मतदाता है। कोटा विवि सहित शहर के सभी 11 राजकीय कॉलेजों में अध्यक्ष पद के लिए 30 प्रत्याशी मैदान में हैं। 21 हजार 525 मतदाता इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। सरकारी कॉलेजों के अलावा प्रदेश के पांच सौ से भी ज्यादा निजी कॉलेजों में भी चुनाव हुए।

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