सार

झालावाड़ में एक बस ड्राईवर फोन पर बात करते हुए स्कूल बस दौड़ा रहा था। बच्चों बोलने के बाद भी नहीं की स्पीड कम। अचानक मवेशी सामने आने से बचाने के चक्कर में हुआ हादसा। बस पलटने से दर्जनो स्कूली स्टूडेंट घायल हो गए।

झालावाड़. बस में करीब तीस बच्चे सवार थे, बस को चालक ने फोरलेन रोड की ओर घुमाया और उसके बाद हाइवे पर बस दौड़ाता चला गया, इस बीच वह लगातार फोन पर कान लगाए बस चलाता रहा । बच्चे बोले कि हमने अंकल को कहा था कि बस धीरे चलाओ, लेकिन वे नहीं मानें। बस कर रहे थे कि अभी स्कूल पहुंचा दूंगा रुको। कुछ दूर बस चलने के बाद आखिर वही हुआ जिसका डर था। बस चालक फोन पर बात करने के दौरान बस से संतुलन खो बैठा और बस डिवाईडर से टकराने के बाद पलट गई। इस हादसे के बाद बस के नीचे दबे बच्चों को वहीं छोड़कर चालक वहां से भाग गया। यह पूरी घटना आज सवेरे झालावाड़ जिले में घटित हुई है। पुलिस चालक की तलाश कर रही है। 

तीस से ज्यादा बच्चे थे बस में, करीब डेढ़ दर्ज अस्पताल पहुंचाए गए
दरअसल मंगलवार 19 जुलाई की सवेरे मिनी सचिवालय के सामने होते हुए फोर लेन रोड से लेसिक प्राइवेट स्कूल की बस गुजर रही थी। चालक और कंडेक्टर के अलावा आठ से सोलह साल तक के करीब 30 बच्चे बस में थे। फोरलेन पर बस लेने के दौरान ही चालक ने फोन पर बात करना शुरु कर दिया था। इस दौरान अचानक बस के सामने एक गाय भी आ गई। बस की गति तेज थी और चालक का ध्यान फोन पर था। ऐसे हालात में चालक ने अचानक तेजी से स्टेयरिंग घुमा दिया और फिर वही हुआ जिसका डर था। बस बेकाबू होकर डिवाईडर से टकराई और उसके बाद पलट गई। बस पलटने के बाद कुछ बच्चे बस के नीचे दब गए। बस चालक तुरंत बस से कूदकर भाग गया। वहां से गुजर रहे लोगों ने अपने साधन रोके और बस चालक के नीचे दबे बच्चों को बाहर निकाला। निजी वाहनों से बच्चों को निजी एवं सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

हम कर रहे थे धीरे चलो अंकल, वे सुन ही न हीं रहे थे
सातवीं के बच्चे रवि ने पुलिस को बताया कि हम लगातार कह रहे थे बस धीरे चलाने के लिए, लेकिन अंकल सुन ही नहीं रहे थे। वो बस दौड़ाऐ ही जा रहे थे। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे झालावाड़ डीएसपी बृजमोहन ने बताया कि चालक के खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। प्रारंभिक जांच पड़ताल में उसकी गलती सामने आ रही है। उसकी तलाश की जा रही हैं। करीब 18 बच्चों को अस्पताल लाया गया। उनमें से दस से ज्यादा को मरहम पट्टी के बाद भेज दिया गया है। दो को कोटा रेफर किया गया है। बाकि का झालावाड़ में ही इलाज जारी है।

 

यह भी पढ़े- राजस्थान में कांस्टेबल बना देवदूत: जान खतरे में डाल युवक को मौत के मुहं से बचाया...वीडियो में देखिए नजारा