सार
यह मामला जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज की यूजी हॉस्टल का है। जहां एमबीबीएस में फाइनल ईयर छात्र गिनाराम देवासी ने अपने कमरे के पंखे से रस्सी बांधकर खुदखुशी कर ली। लिखा पापा मम्मी सॉरी, चाचू सॉरी, जिंदगी में स्ट्रगल व स्ट्रेस से थक गया हूं, अब आगे जिंदगी नही जी सकता हूं।
जोधपुर (राजस्थान). अक्सर स्टूडेंट पढ़ाई के तनाव में आकर आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं। ऐसा ही एक दुखद मामला जोधपुर से सामने आया है, जहां एक मेडिकल कॉलेज के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। साथ में उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसके पीछे उसने मरने की वजह भी बताई है।
अपने ही कमरे को बनाया मौत का घर
दरअसल, यह मामला एसएन मेडिकल कॉलेज की यूजी हॉस्टल का है। जहां एमबीबीएस में फाइनल ईयर छात्र गिनाराम देवासी ने अपने कमरे के पंखे से रस्सी बांधकर खुदखुशी कर ली। जब देर रात साथ पढ़ने वाले छात्रों ने उसे आवाज लगाई तो कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो वह लटक रहा था।
सुसाइड नोट पढ़ पुलिसवाले हर शख्स भावुक
आनन-फानन में हॉस्टल प्रभारी ने कमरे का दरवाजा तोड़ पुलिस को मौके पर बुलाया। जहां शव के साथ एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें लिखा है 'पापा मम्मी सॉरी, चाचू सॉरी, जिंदगी में स्ट्रगल व स्ट्रेस से थक गया हूं, अब आगे जिंदगी नही जी सकता हूं, इसलिए जा रहा हूं, माफ करना। छात्र की मरने के पीछे की जवह स्ट्रगल और स्ट्रेस बताई जा रही है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि वह किस बात को लेकर तनाव में था।
कॉलेज प्रिंसिपल ने छात्र के बारे में बताई ये बात
घटना स्थल पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व सीनियर डॉक्टर भी पहुंचे हुए थे। प्राचार्य डॉ जीएल मीणा ने बताया कि फाइनल ईयर के स्टूडेंट गिनाराम आखिर किस बता को लेकर स्ट्रेस में था यह हम भी नहीं समझ पाए। वह पढ़ने में होशियार था, उसको देखकर कभी ऐसा नहीं लगा कि वह किसी तनाव से गुजर रहा है। प्रसासन व पुलिस को गिनाराम के आत्महत्या के कारणों को जानने में जुट गए हैं।
तीसरी मंजिल के कमरा नंबर 326 में रहता था वो
बता दें कि गिनाराम देवासी यूजी हॉस्टल की तीसरी मंजिल के कमरा नम्बर 326 में रहता था। वो मूल रूप से जालौर का रहने वाला था। पुलिस ने शव बरामद कर मोर्चरी में रखवा दिया है। साथ ही उसके परिजनों को सूचना दे दी है।