सार
जोधपुर के शेरगढ़ में गुरुवार को एक शादी वाले घर बड़ा हादसा हो गया। समारोह के दौरान गैस सिलेंडर फटने से 60 लोग झुलस गए। वहीं अब तक 11 लोगों की मौत भी हो चुकी है। दूल्हे और उसक पिता समेत बीस की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।
जयपुर (राजस्थान). जोधपुर में शादी के घर में रुलाई थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शादी वाले परिवार के साथ ही आसपास रहने वाले लोगों के घर से भी रोने चीखने की आवाजें यदा कदा तेज हो जाती है जब कोई लाश गांव में पहुंचाई जाती है। जोधपुर में देर रात चार अन्य लोगों की जान चली गई है, उनमें एक महिला के भी शामिल होने के बारे मे जानकारी मिल रही है। जोधपुर दुखांतिका में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
आंगन में महिलाएं शादी के गीत गा रही थीं, तभी हो गया धमाका
बताया जा रहा है कि दूल्हे के पिता और खुद दूल्हा बेहद गंभीर हालत में है। उन दोनो के अलावा करीब बीस लोग और हैं जो जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं वे बेहद ही गंभीर बने हुए हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ जब दूल्हा को उसके दोस्त तैयार कर रहे थे। करीब दो घंटे बाद बारात जानी थी। घर के बाहर 150 बाराती दूल्हे के तैयार होने का इंतजार कर रहे थे। आंगन में महिलाएं शादी के गीत गा रही थीं, इसी बीच अचानक से घर में रखे 5 गैस सिलेंडर फट गए। देखते ही देखते घर में मौजूद 60 लोग आग की चपेट में आ गए। बचकर भाग भी नहीं पाए, क्योंकि बाहर निकलने का रास्ता आग की लपटों में घिरा हुआ था।
सोना तक चिपक गया शरीर पर, दूल्हे की शेरवानी निकालने में पसीने छूट गए
दरअसल, जोधपुर के शेरगढ़ थाना क्षेत्र में स्थित भूंगरा गांव में रहने वाले सगत सिंह के बेटे सुरेन्द्र सिंह की शादी गुरुवार को होनी थी। शादी के लिए दोपहर दो बजे के बाद बारात तैयार हो रही थी और शाम होने से पहले चार बजे बारात दो बसों में भरकर रवाना होने वाली थी। इस बारात में शामिल होने के लिए और दूल्हे के नेगचार के लिए आसपास के परिवार भी दूल्हे के घर मौजूद थे। इस दौरान पांच सलेंडर एक साथ फटे और करीब सत्तर लोग घायल हो गए। उनमें से 53 लोगों को झुलसी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर गुरुवार शाम से आज सवेरे तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें दूल्हे के दोनो ताउु, परिवार की तीन महिलाएं, दूल्हे की बहन के दो और चार साल के दो बच्चे भी शामिल है। देर रात चार अन्य लोगों की जानग ई है जिनमें एक महिला भी शामिल है। अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि दूल्हे ने जो कपड़े पहने थे वे उसके शरीर पर चिकप गए। फैंसी कपड़ा होने के कारण ऐसा हुआ। उसे शरीर से छुड़ाने में तीन घंटे से भी ज्यादा का समय लगा। परिवार की गई महिलाओं की अंगूठियों का सोना पिघलकर उनके हाथ में ही जम गया। बाद में उसे भी निकाला गया।