सार

राजस्थान में हाल ही में आरजेएस का रिजल्ट सामने आया है। जिसमें ड्रायवर की बेटी ने इसे क्रेक किया और जज बनी। कार्तिका ने ऑनलाइन प्रोसेस के जरिए पढ़ाई की और दस से बारह घंटे रोज मेहनत करने के बाद इस परीक्षा को क्रेक किया।

जोधपुर. हाल ही में राजस्थान ज्यूडिशयल सर्विसेज का परिणाम आया है और इन परिणामों में कई चौकानें वाले परिणाम भी सामने आए हैं। अभ्यर्थियों ने इतनी मेहनत की है कि सफलता को कदमों में आने को मजबूर होना ही पड़ा है। हम बात कर रहे हैं आज जोधपुर की 23 साल की जज कार्तिका की....। उनकी सक्सेस स्टोरी और लोगों से हटकर इसलिए है कि क्योंकि उनके पिता ड्राइवर हैं और बेटी के रॉल मॉडल हैं। बिना किसी कोचिंग की मदद के जज बनी कार्तिका के पिता ने जब बेटी को सेल्यूट ठोका तो हर किसी की आंखे भीग गई, उसके बाद पिता के गले लगकर बेटी और पिता दोनो ही अपने आंसू नहीं रोक सके। 

31 साल से चीफ जस्टिस की गाड़ी चला रहे हैं कार्तिका के पिता
जोधपुर की रहने वाली 23 साल की कार्तिका के पिता राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के ड्राइवर हैं। अब उनकी बेटी भी जज बन गई है। पिता राजेन्द्र गहलोत ने बेटी के सफर के बारे में बताया कि बेटी शुरु से ही काला कोट पहनना चाहती थी। रुटीन पढ़ाई के अलावा उसने लॉ की पढ़ाई भी शुरु कर दी और जोधपुर के जय नारायण व्यास कॉलेज से पढ़ाई करने लगी। उसके बाद आरजेएस परीक्षाओं के लिए तैयारी शुरु की। वह बाहर कहीं पढ़ने नहीं गई। ऑन लाइन एप के जरिए घर पर पढ़ती थी। पहले हर दिन चार से पांच घंटे और जब आरजेएस परीक्षाओं की तारीख आई तो हर दिन दस से बारह घंटे पढ़ाई करने लगी। उसे जूनून था और उसने जूनून और जिद से मुकाम हासिंल कर लिया। उसकी मां साये की तरह उसके साथ खड़ी रही। कार्तिका कहती है मैं जानती थी सफलता जरुर मिलेगी, लेकिन इतनी जल्दी मिल जाएगी पता नहीं था। कार्तिका की आरजेएस परीक्षा में 66वीं रेंक बनी हैं।

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