सार
बूंदी बस हादसे को दो दिन हो जाने के बाद भी अभी कई लोग सदमें में हैं। इस दर्दनाक एक्सीडेंट ने कई घरों को उजाड़ दिया। वहीं कई मासूमों के सिर से उनके पिता का साया उठ गया।
कोटा (राजस्थान). बूंदी बस हादसे को दो दिन हो जाने के बाद भी अभी कई लोग सदमें में हैं। इस दर्दनाक एक्सीडेंट ने कई घरों को उजाड़ दिया। उन्हीं में से एक परिवार है रमेश धोबी का जिसकी इस हादसे में इसमें मौत हो गई। मृतक के बच्चे बार-बार मां से पूछ रहे हैं कि मम्मी-मम्मी पापा कब आएंगे।
मासूम बच्चों के सिर से उठ गया साया
पत्नी अनीता से उसके दो छोटे-छोटे बच्चे 8 साल का बेटा मोहित और 6 साल की बेटी प्रीति जब भी उससे पूछते मम्मी-मम्मी पापा कब आएंगे तो वह रोने लगती। इन मासूमों के सिर से उनके पिता का साया उठ गया। खेलने-कूदने की उम्र में इन मासूमों के सिर से उनके पिता का साया उठ गया। आलम यह था कि उनके आंगन में युवक का शव रखा हुआ था और बच्चे पूछ रहे थे मम्मी पापा कब उठेंगे।
अब कैसे चलेगा परिवार का खर्चा
जानकारी के मुताबिक, रमेश की कोटा में कपड़े धोने और प्रेस करने की दुकान थी। वह इसी के सहारे अपने परिवार का खर्चा चलाता था। अब आलम यह कि उसके जाने के बाद उसकी पत्नी और बच्चों का क्या होगा। क्योंकि उनका दुकान के अलावा आमदानी का और कोई साधन नहीं है।
महिला का दर्द सुन फट जाएगा कलेजा
पत्नी कहती उन्होंने अपने नए कपड़े अलमारी से निकलवाए और कहने लगे मैं कैसा लग रहा हूं। एक बार तो देखो...मुझे क्या पता था उनको में आखिरी बार देख रही हूं। वह बुधवार को रिश्तेदारों के साथ सवाई मधोपुर एक शादी में यह कहकर गए थे कि मैं रात तक वापस आ जाऊंगा। लेकन वह तो नहीं आए और देखो कुछ घंटों में उनका शव मेरे आंगन में आ गया।
24 ने मौके पर ही तोड़ दिया था दम
दरअसल, 26 फरवरी दिन बुधवार सुबह 10 बजे बूंदी की मेज नदीं में एक बारातियों से भरी बस गिर गई थी। बस में कुल 30 लोग सवार थे। जिसमें 24 की मौके पर मौत हो गई, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे में मारे गए मामा पक्ष अपनी भांजी प्रीति की शादी के लिए कोटा से सवाई माधोपुर जा रहा था।