सार

राजस्थान के राजसमंद जिले की सांसद दिया कुमारी के खिलाफ चुनाव में तथ्य छिपाकर इलेक्शन में शामिल होने के मामले में जिला न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सांसद और तत्कालीन रिटर्निंग अधिकारी को नोटिस दिया। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 8 दिसंबर 2022 के दिन की दी।

राजसमंद (rajsamand). राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के पहले ही एक चौकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 में तथ्य छिपाने से जुड़े मामले में राजसमंद जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किए हैं। बता दें कि यह नोटिस वर्तमान में राजसमंद से सांसद दीया कुमारी और तत्कालीन रिटर्निंग अधिकारी व वर्तमान चित्तौड़गढ़ कलेक्टर अरविंद पोसवाल को जारी किए गए हैं। राजसमंद सेशन न्यायाधीश आलोक सुरोलिया इस केस में सुनवाई करते हुए मामले में सुप्रीम कोर्ट की चुनाव संबंधी गाइड लाइन की अवहेलना के चलते यह नोटिस जारी किया है। आपको बता दें कि इस केस की पैरवी राजसमंद अधिवक्ता जितेंद्र कुमार खटीक द्वारा की जा रही है। अब इस केस की अगली सुनवाई की तारीख 8 दिसम्बर 2022 दी गई है।

चुनाव आयोग के नियमों की अवहेलना की
पत्रावली के अनुसार तत्कालीन रिटर्निंग अधिकारी व वर्तमान चित्तौड़गढ़ कलेक्टर अरविंद पोसवाल और राजसमंद से वर्तमान सांसद दीया कुमारी ने लोकसभा चुनाव 2019 में शपथ पत्र पेश किया था। तो वहीं चुनाव में नाम निर्देशन पत्र चुनाव लड़ने हेतु भरा गया था, जिसमें रिटर्निंग अधिकारी को नियुक्त किया गया। जिन्होंने चुनाव आयोग के निर्देशों की पालना नहीं कर अवैध लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से भाजपा प्रत्याशी से मिलीभगत कर खारिज योग्य नामनिर्देशन पत्र को स्वीकार कर लिया।

कंपलेन लेटर में कही गई है ये बाते
तो वहीं परिवादी पत्र (complainant letter) में यह भी अंकित किया गया है कि भाजपा प्रत्याशी दीया कुमारी ने अपने नाम निर्देशन पत्र में स्वयं को विधानसभा क्षेत्र हवामहल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, जयपुर राजस्थान की निर्वाचक नामावली के भाग संख्या 99 में क्रम संख्या 894 पर प्रविष्ट होना बताया, जबकि स्वयं द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र की कलम 01 में निर्वाचक नामावली के भाग संख्या 99 के क्रम संख्या 894 प्रविष्ट होना अंकित किया जो कि झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया। 

टिकट सिंबोल में पिता का नाम, तो वोटर लिस्ट में पति का नाम मिला
आगे कथन किया गया कि भाजपा प्रत्याशी दीया कुमारी ने टिकट सिम्बोल में नाम दीया कुमारी पिता सवाई भवानी सिंह बताया जबकि नाम निर्देशन पत्र में वोटर लिस्ट में उनके पति का नाम अंकित है, जिसके चलते भी नाम निर्देशन—पत्र काबिले खारिज था ऐसे कई बिंदु पत्रावली में शामिल है।

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