सार
यह बहादुरी की कहानी 17 साल की आरती प्रजापत की है, जो जयपुर से साइकिल चलाकर भरतपुर पहुंची है। इतना लंबा सफर उसने अकेले किया। हालांकि इस बीच वह रास्ता भी भटक गई और उसकी तबीयत भी खराब हो गई।
भरतपुर (राजस्थान). बिहार की साइकिल गर्ल को तो सभी जानते हैं जो लॉकडाउन में पिता को साइकिल पर बिठाकर बिहार ले गई थी। इसी तरह एक और साइकिल गर्ल राजस्थान के भरतपुर से सामने आई है। जिसके जज्बे और प्यार की हर कोई तारीफ कर रहा है। जहां एक पोती ने अपने दादा-दादी से मिलने के लिए 216 किलोमीटर तक का सफर तय किया।
जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा
दरअसल, यह बहादुरी की कहानी 17 साल की आरती प्रजापत की है, जो जयपुर से साइकिल चलाकर भरतपुर पहुंची है। इतना लंबा सफर उसने अकेले किया। हालांकि इस बीच वह रास्ता भी भटक गई और उसकी तबीयत भी खराब हो गई। लेकिन उसने फिर भी हिम्मत नहीं हारी। आरती की जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है। उसका कहना है कि वह हमेशा ही साइकिल की सवारी करना चाहती है।
माता-पिता के मना करने के बात भी नहीं मानी
आरती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे जब दादी की तबीयत के बारे में सुना तो मुझसे रहा नहीं गया। आरती को मां ने बहुत समझाया कि कुछ दिन बाद बस से चलते हैं, लेकिन वह नहीं मानी। परिवार वालों के मना करने के बात भी वह अकेले ही साइकिल से 13 अक्टूबर को भरतपुर के लिए निकल पड़ी।
रास्ता भटक गलती से यूपी की सीमा में जा पहुंची
बता दें कि इस बीच आरती रास्ता भटक गई और भरतपुर के रास्ते जाने के बजाए वह यूपी की सीमा में घुस गई। काफी दूर निकल जाने के बाद भी उसे याद नहीं रहा। जब उसने आगे जाकर एक बोर्ड देखा तो उस पर यूपी लिखा हुआ था। इसके बाद वो लौटकर वापस आई। इसके चलते उसे करीब 40 किलोमीटर अधिक साइकिल चलाना पड़ी। इस बीच साइकिल पंचर भी हुई और कई बार उसकी चैन भी उतरी।