सार

पिछले रविवार को मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Cabinet reshuffle) के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने तीन कांग्रेस (Congress) विधायकों समेंत 6 विधायकों को अपना सलाहकार नियुक्त किया था। भाजपा ने इसे असंवैधानिक बताया था। 

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने रविवार को कहा कि जिन विधायकों को मेरा सलाहकार (Advisor) नियुक्त किया गया है या संसदीय सचिव नियुक्त किया जाएगा, उन्हें कोई मंत्री दर्जा या कोई लाभ नहीं मिलेगा। पिछले रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet reshuffle) के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने तीन कांग्रेस (Congress) विधायकों समेंत 6 विधायकों को अपना सलाहकार नियुक्त किया था।
उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ सलाह ले रहा हूं.. सबको मालूम है पहले संसदीय सचिव बनते थे, उनकी शपथ होती थी.. मुख्यमंत्री शपथ दिलाते थे और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में आते थे। अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेश के बाद में कोई भी राज्य सरकार राज्यमंत्री का, कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं दे सकती हैं। सुविधाएं नहीं मिल सकती हैं, तनख्वाहें नहीं मिल सकती हैं उनको आप घटा दो तो आप भले ही संसदीय सचिव बनाओ.. चाहे आप सलाहकार बनाओ.. कौन आपको रोकेगा.. साधारण सी बात है।

भाजपा ने सलाहकारों की नियुक्त को बताया था असंवैधानिक 
भाजपा (BJP)ने मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए इसे असंवैधानिक बताया था। भाजपा की ओर से दिए गए ज्ञापन पर राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने सलाहकारों की नियुक्ति की संवैधानिक स्थिति पर स्पष्टता मांगी है। 

संविधान में संघवाद का सिस्टम समझ से परे
गहलोत ने कहा कि भारत सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है। देश में संविधान के अंतर्गत संघवाद का जो सिस्टम है उसको या तो मैं समझ नहीं पा रहा हूं या वो.. क्योंकि ऐसा कभी होता नहीं है कि राज्यों को कमजोर करो। अभी भारत सरकार की जो नीतियां हैं.. उससे राज्यों का वित्तीय प्रबंधन गड़बड़ा रहा है और पूरे देश के अंदर कर्जे लेकर अधिकांश राज्य सरकारें अपना काम चला रही है.. जो नहीं होना चाहिए। 

राजस्थान में सबसे ज्यादा रोजगार 
गहलोत ने कहा- देश के अंदर राजस्थान में सबसे अधिक रोजगार मिल रहा है। अब तक एक लाख लोग तो नौकरी लग चुके है। 77 हजार लोगो की नौकरियों की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि देश में आज दो प्रमुख मुद्दे है पहला महँगाई और दूसरा रोजगार। इन दोनों ही समस्याओं का समाधान करने में केंद्र सरकार असफल है। 

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