सार

49 निकायों में कुल 2,105 वार्डों में चुनाव होना था जिनमें से 14 वार्डों में पार्षद निर्विरोध चुने जा चुके हैं। बाकी 2,081 वार्ड में 7,942 उम्मीदवार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं जिनमें 2,832 महिलाएं और 5,109 पुरुष प्रत्याशी शामिल हैं। 

जयपुर: राजस्थान के 49 नगर निकायों में 2,000 से अधिक पार्षदों पदों के लिए हुए मतदान का परिणाम मंगलवार को आएगा। इस बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने अपने अपने प्रत्याशियों पर नजर रखना शुरू कर दी है ताकि परिणाम के बाद किसी भी तरह की ‘सौदेबाजी’ नहीं हो सके। राज्य निर्वाचन विभाग के सूत्रों ने बताया कि सभी निर्धारित केन्द्रों पर मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी। इसके लिए सुरक्षा व अन्य बंदोबस्त कर लिए गए हैं। 

उल्लेखनीय है कि राज्य में तीन नगर निगमों, 18 नगर परिषद और 28 नगरपालिकाओं यानी कुल 49 निकायों में सदस्य पार्षद पद के लिए शनिवार को मतदान हुआ था। चुनाव में कुल 71.53 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

26 और 27 नवंबर को चुनाव

इन 49 निकायों में कुल 2,105 वार्डों में चुनाव होना था जिनमें से 14 वार्डों में पार्षद निर्विरोध चुने जा चुके हैं। बाकी 2,081 वार्ड में 7,942 उम्मीदवार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं जिनमें 2,832 महिलाएं और 5,109 पुरुष प्रत्याशी शामिल हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार नगर निकायों में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 नवंबर और उपाध्यक्ष पद के लिए 27 नवंबर को करवाया जाएगा। इस बीच कांग्रेस और भाजपा ने प्रमुख निकायों में अपने-अपने वार्ड पार्षद प्रत्याशियों को इकट्ठा कर किसी होटल, रेसार्ट या अन्य स्थान पर भेज दिया है। इसी तरह कई जगह निर्दलीय प्रत्याशियों की बैठकें भी हो रही हैं ताकि किसी भी तरह का समीकरण बनने पर साथ मिलकर एक राय तय की जा सके।

श्रीगंगानगर में भाजपा द्वारा अपने पार्षद प्रत्याशियों को पड़ोसी राज्य हरियाणा में एक फार्म हाउस में भेजे जाने की खबर है हालांकि पार्टी के स्थानीय नेता इस बारे में टिप्प्णी से बचते रहे। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी विमल कटियार ने कहा कि परिणाम के बाद कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कुछ गड़बड़ न कर पाए इसलिए कुछ जगह ऐहतियातन ऐसी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी अपने पार्षद प्रत्याशियों के लिए ऐसा कर रही है।

इधर, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि परिणाम के बाद ही समीकरण बनेंगे और स्थानीय स्तर पर नीति तय होगी। निकाय चुनाव को लेकर अधिक उत्सकुता इसलिए है क्योंकि अगले कुछ ही महीने में राज्य में पंचायत चुनाव भी होने हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)