सार
अभी तक बड़े अस्पताल में गठिया रोग जानने के लिए जो टेस्ट होता था, उसके लिए 2 हजार रुपए लगते थे। विटामिन-डी का टेस्ट 1100 रुपए में, न्यूरो संबंधि इलेक्ट्रोमायोग्राफी और वीडियो ईईजी के लिए 600-600 रुपए देने पड़ते थे। जबकि एनसीवी टेस्ट 400, हार्ट संबंधि 2डी ईको के 600 रुपए का खर्चा आता था।
जयपुर : राजस्थान (Rajasthan) में नए फाइनेंशियल ईयर 2022-23 यानी एक अप्रैल से काफी कुछ बदल गया है। कुछ बदलाव जनता के लिए राहतों वाला है तो कुछ जेब ढी़ली कराएगा। जहां एक तरफ सरकार ने सरकारी अस्पतालों में इलाज पूरी तरह मुफ्त कर दिया है तो वहीं महंगी जांच का कोई पैसा भी नहीं लिया जाएगा। प्राइवेट हॉस्पिटल में चिरंजीवी योजना के तहत अब 10 लाख रुपए तक कैशलेश मेडिकल बीमा मिलेगा जो अब तक पांच लाख थी। हर महीने 50 यूनिट बिजली के लिए भी कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा लेकिन आज से होने वाले बदलावों में अब सड़क पर चलना महंगा हो गया है। टोल रेट में 50 रुपए तक की बढ़ोतरी की गई है।
इलाज मुफ्त, जांच के नहीं लगेंगे पैसे
प्रदेश में शुक्रवार से सरकारी अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में मुफ्त में इलाज होगा। महंगी जांच और दवाईयां भी लोगों को फ्री में मिलेंगी। न्यूरो और हार्ट से जुड़ी सभी जांच के एक भी पैसे नहीं लिए जाएंगे। सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांच भी फ्री में होगा।
50 यूनिट बिजली बिल्कुल फ्री
सरकार की मुफ्त बिजली योजना एक अप्रैल से ही लागू हो गई है। अगले महीने से आने वाले बिल में 50 यूनिट बिजली बिल्कुल फ्री होगी। यानी कि अगर किसी घर में महीनेभर में सिर्फ 50 यूनिट बिजली इस्तेमाल होती है तो वहां एक भी रुपया नहीं देना होगा। इसके साथ ही जहां बिजली की खबज ज्यादा है, उन घरों के लिए सरकार ने 300 यूनिट बिजली पर सब्सिडी का प्रावधान किया है। ये सब्सिडी 150 यूनिट तक तीन रुपए, बाकी के 150 यूनिट पर दो रुपए का होगा। इसका मतलब 300 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने पर एक कंज्यूमर को कम से कम 780 रुपए का फायदा मिलेगा।
सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले
आज से ओल्ड पेंशन स्कीम भी लागू कर दी गई है। साल 2004 या उससे बाद लगे राज्य सेवा के कर्मचारियों के लिए OPS की सुविधा मिलेगी। इसके बाद की ज्वॉइनिंग वाले कर्मचारियों के वेतन से न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की 10 प्रतिशत की कटौती बंद हो जाएगी। इन कर्मचारियों और उनके फैमिली मेंबर्स के कैशलेस इलाज के लिए पांच लाख रुपए की सीमा को खत्म कर अब उसे अनलिमिटेड मेडिकल सुविधा मिलेगी। मतलब चाहे जितने का इलाज कैशलेश हो सकेगा। इसका लाभ पांच लाख कर्मचारियों और उनके परिवार को मिलेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, साथिन, ग्राम पंचायत सहायकों के मानदेय में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी लागू हो गई है। इससे 1.85 लाख मानदेय कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
यहां ढीली होगी जेब
सरकार ने जहां कई क्षेत्रों में राहत दी है तो वहीं हाइवे पर चलना महंगा हो गया है। यहां जनता को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। राजस्थान में शुक्रवार से नेशनल हाइवे पर स्थित टोल की रेट बढ़ गई हैं। पांच रुपए से लेकर 50 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। इससे यहां से निकलने वालों के जेब पर भार पड़ेगा।
ये सब भी बदल गया
- मनरेगा योजना में गांवों में बेरोजगारों को अब 100 दिन की बजाय 125 दिन का रोजगार मिलेगा
- लोक कलाकारों को दिए जाने वाले मानदेय में भी 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है।
- मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में निशुल्क कोचिंग के लिए स्टूडेंट्स संख्या 10 हजार से 15 हजार हो गई है।
- दिव्यांगों के लिए NGO की ओर से चलाए जा रहे विशेष विद्यालयों के वेतन-भत्तों की अनुदान राशि 100 फीसदी हो गई है।
- अनाथ बच्चों को हर महीने दी जाने वाली राशि 2500 रुपए कर दी गई है। 14 हजार बच्चों को फायदा मिलेगा।
- मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत पांच लाख पशुपालकों को सरकारी डेयरियों को दूध बेचने पर मिलने वाली सब्सिडी दो रुपए से बढ़ाकर पांच रुपए प्रति लीटर हो गई है।
- इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना पूरे राज्य में लागू हो गई है। आज से दूसरी संतान पर 6 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। हर साल साढ़े तीन लाख के करीब गर्भवती महिलाओं को लाभ पहुंचेगा।
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