सार
अस्पताल पर आरोप है कि पति के पथरी का इलाज कराने के लिए आई महिला का बिना बीमारी के ही घुटने का ऑपरेशन कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल ने कई लोगों के साथ ऐसा किया, ताकि बीमा के पैसे को वसूला जा सके। इस संबंध में अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और राजस्थान सरकार ने भी जांच टीम बनाई है।
जयपुर। गरीब लोगों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएं और कोई बीमारी बढ़ा रूप ना सके, इसके लिए सरकारें बीमा योजनाएं लेकर आती हैं। लेकिन, अस्पतालों ने इन योजनाओं को कमाई का जरिया बना लिया है। ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला जयपुर (Jaipur) के एक अस्पताल में सामने आया है। यहां मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (CM Chiranjeevi Health Insurance Scheme) के तहत सरकारी पैसा हड़पने के लिए एक अस्पताल ने बिना किसी बीमारी के मरीज का ऑपरेशन कर दिया तो किसी के सीने में दर्द था और उसके घुटने का ऑपरेशन कर दिया। ये सारे केस बताते हैं कि अस्पताल में किस कदर भ्रष्टाचार फैला है और सरकारी योजनाओं के नाम पर पैसा लूटने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
इसी अस्पताल पर आरोप है कि पति के पथरी का इलाज कराने के लिए आई महिला का बिना बीमारी के ही घुटने का ऑपरेशन कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल ने कई लोगों के साथ ऐसा किया, ताकि बीमा के पैसे को वसूला जा सके। इस संबंध में अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और राजस्थान सरकार ने भी जांच टीम बनाई है।
केस-1: सांस फूलती थी, घुटने का ऑपरेशन कर दिया
अजमेर के अमर सिंह की बाड़िया गांव की रहने वाली 70 साल की भंवरी देवी को श्वांस संबंधी समस्या थी। उनकी सांस फूलती थी और हांफने लगती थी। 18 दिसंबर को उनके गांव में जयपुर के रजत अस्पताल की तरफ से कैंप लगाया गया और पर्चा बांटकर अस्पताल में गारंटी के साथ इलाज होने का दावा भी किया गया। इसी शिविर में भंवरी देवी दम फूलने की गोली लेने पहुंचीं। शाम को भंवरी को बढ़िया इलाज के नाम पर जयपुर लाया गया। यहां बीमा के पेपर पर अंगूठा लगवा दिया। उसके बाद अस्पताल ने जबरन घुटने का ऑपरेशन कर दिया। भंवरी बताती हैं कि जब ऑपरेशन की बात आई तो उन्होंने इसके बारे में पूछा और मना भी किया। यहां तक कि डॉक्टर्स के सामने रोई भी, हाथ भी जोड़े, मगर डॉक्टर नहीं माने और ऑपरेशन कर दिया।
केस-2: पति का ऑपरेशन होना था, पत्नी का जबरदस्ती कर दिया
सिर्फ भंवरी देवी ही अस्पताल के फर्जीवाड़े का शिकार नहीं हुईं। 35 साल की अजमेर के खीमपुरा गांव के परमेश्वरी के साथ तो हदें पार कर दीं। परमेश्वरी के पति को पथरी की समस्या थी। वे पति का ऑपरेशन कराने के लिए उनके साथ जयपुर आईं थी। यहां अस्पताल वालों ने पहले तो पति का एएमआरआई किया और फिर पत्नी को बोला कि ये मशीन शरीर की बीमारी पकड़ लेती है। आप भी अपनी जांच करा लो। दोनों का एमआरआई करने के बाद डॉक्टर ने कहा कि दोनों को ऑपरेशन कराने पड़ेंगे, नहीं तो एमआईआर के 7-7 हजार देने पड़ेंगे। अगर पैसे नहीं दिए तो पुलिस बुला लेंगे और थाने भिजवा देंगे।
ऑपरेशन के नाम पर चीरा लगाया, रात में ही अस्पताल से निकाला
डॉक्टर्स की धमकी से परमेश्वरी डर गईं। इतने पैसे भी नहीं थे कि एमआरआई की फीस चुका सकें, इसलिए ऑपरेशन करवाने की सहमति दे दी। डॉक्टर्स की कारस्तानी यहीं खत्म नहीं हुई। सिर्फ सुई लगाने के नाम पर पति के रीढ़ की की हड्डी पर चीरा लगा दिया और पत्नी के घुटने पर चीरा लगा दिया, उसके बाद चिरंजीवी बीमा योजना के कागज पर साइन करवाए और रात में ही अस्पताल से निकाल दिया।
जिम्मेदारों ने ये कहा...
इस मामले में जयपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी नरोत्तम शर्मा ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तीन डॉक्टर्स की टीम बना दी गई है और मामले की जांच जारी है। इस संबंध में राजस्थान सरकार में जयपुर के मंत्री प्रताप सिंह खाचारियावास का कहना है कि अस्पताल के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। मामले की जांच की जा रही है। सरकार ये भरोसा दिलाती है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
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