सार
ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर शुक्रवार को शेखावत और राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने सामने आ गए। एक कार्यक्रम में जब जोशी ने प्रधानमंत्री के वादे का जिक्र किया तो शेखावत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि पीएम ने कभी भी परियोजना को दर्जा देने का वादा नहीं किया है।
जोधपुर : ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर इन दिनों राजस्थान का सियासी पारा हाई है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) आमने सामने हैं और एक दूसरे पर जमकर वार-पलटवार किए जा रहे हैं। सीएम ने तो केंद्रीय मंत्री को राजनीति से संन्यास लेने तक की सलाह दे डाली है तो जवाब में शेखावत ने भी कहा कि गहलोत की तरह उनकी राजनीति का तरीका भी अप्रासंगिक हो चुका है। उन्हें अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। उनकी पार्टी के लोग भी यही चाहते हैं।
क्या है विवाद और सीएम ने क्या कहा
सीएम गहलोत ने सात जुलाई 2018 को जयपुर और छह अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का एक अंश सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के बारे में बात कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि प्रदेश का सांसद और केंद्रीय मंत्री यहां की एक योजना को राष्ट्रीय दर्जा नहीं दिलवा पा रहा है। शेखावत द्वारा फोन टैपिंग मामले में IPS और IAS अफसरों को सबक सिखाने के बयान के बाद गहलोत ने निशाना साधते हुए ट्वीट किया और कहा कि यह उनकी बौखलाहट है। उनका चेहरा बेनकाब हो चुका है। खुद वायल सैंपल देने में आना कानी कर रहे हैं। वॉयस सैंपल क्यों नहीं दे रहे हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत का पलटवार
वहीं, सीएम के इस ट्वीट पर शेखावत ने भी पलवटवार किया है। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संन्यास लेने की सलाह दे दी है। उन्होंने लिखा है कि गहलोत के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ सुनाई देती है। वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम नहीं भूल पाए हैं, जिसमें जनता जनार्दन ने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मुझे आशीर्वाद दिया था। एक के बाद एक कई सिलसिलेवार ट्वीट कर शेखावत ने कहा कि पुत्र की हार के बाद से वे मुझे अपना सबसे बड़ा शत्रु मान बैठे हैं, लेकिन मुझे उनसे सहानुभूति है। शेखावत ने कहा कि वे मुझे उकसाने के लिए न केवल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हैं, बल्कि स्वयं भी अनर्गल वक्तव्य देते रहते हैं।
क्या है ERCP परियोजना
र्वी राजस्थान नहर परियोजना का उद्देश्य राजस्थान की जल प्रबंधन को बेहतर बनाना है। दक्षिणी राजस्थान में स्थित चंबल और उसकी सहायक नदियों जैसे कि कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध सहित नदियों को जोड़कर यहां पानी की कमी को पूरा करना है। राज्य जल संसाधन विभाग राजस्थान के अनुसार, देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान का भौगोलिक क्षेत्रफल 342.52 लाख हेक्टेयर है, जो पूरे देश का 10.4 प्रतिशत है। लेकिन यहां सतही जल का केवल 1.16 प्रतिशत और भूजल का 1.72 प्रतिशत ही है। ऐसे में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यहां की पानी की समस्या को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके बनने से राजस्थान के 41.6 प्रतिशत के साथ-साथ 23.67 प्रतिशत क्षेत्र के वॉटर लेवल को भी कवर किया जा सकेगा।