सार
जैसलमेर में चल रही भारतीय सेना की यह एक्सरसाइज 26 नवंबर को पूरी होगी। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान के बॉर्डर के पास चल रहे इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना का न केवल दम-खम दिख रहा है
जोधपुर (राजस्थान). समय आने पर पाकिस्तान-चीन जैसे दुश्मन देशों को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना इन दिनों दक्षिण शक्ति नाम से सबसे बड़ा युद्धाभ्यास कर रही है। तीनों सेना के 30 हाजर जवान करीब 500 किलोमीटर के दायरे में थार के रेगिस्तान से लेकर कच्छ के रण तक शौर्य को धार दिया जा रहा है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए दोनों ही मोर्चों पर दुश्मनों मुंह तोड़ जबाव देने के लिए यह अभ्यास कराया जा रहा है। आर्मी की अलग-अलग कमांड 15 से 26 नवंबर तक युद्धाभ्यास कर रही है।
दोनों ही मोर्चों पर दुश्मनों पर हमला करने की तैयारी!
दरअसल, जैसलमेर में चल रही भारतीय सेना की यह एक्सरसाइज 26 नवंबर को पूरी होगी। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान के बॉर्डर के पास चल रहे इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना का न केवल दम-खम दिख रहा है, बल्कि उनके रण कौशल से पाकिस्तान की सेना में हलचल मची है। दुश्मन देशों का यह देख दिल जला जा रहा है। क्योंकि इस वक्त अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख और कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से गुजरात तक वॉर एक्सरसाइज किया जा रहा है।
तीनों सेना के जवान और इंटेलिजेंस एजेंसियां भी शामिल
बता दें कि इस वॉर एक्सरसाइज में आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के अलावा कोस्ट गार्ड, BSF, पुलिस और दूसरी इंटेलिजेंस एजेंसियां शामिल हुई हैं। इन सबके बीच तालमेल को परखा जा रहा है। ये पहला मौका है जब पाकिस्तान से सटी सीमा पर नए तरीके से वॉर एक्सरसाइज की जा रही है। जिसमें बड़े स्तर पर तीनों सेनाओं के जवान शामिल हैं।
लड़ाकू विमनान और ड्रोन का हो रहा इस्तेमाल
इस वॉर एक्सरसाइज में हल्के लड़ाकू विमानों के अलावा ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। एयर स्पेस, साइबर, इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का भी भरपूर तरीके से इस युद्धाभ्यास में उपयोग किया जा रहा है। भारतीय सेना बदलते परिवेश में रणक्षेत्र के नए तरीकों पर प्रयोग कर रही है। ताकि कम से कम समय में दुशमनों को इसका करारा जवाब दे सके। साथ ही उनकी स्ट्रेटेजिक पॉइंट पर कब्जा भी किया जा सके।