सार
रोबोट के ऑटोमेटिक हाथ 80 फीट की गहराई तक जाकर गंदगी को खींचकर बाहर निकाल सकते हैं। पानी और हवा के दबाव से कचरे को डी-चोक करने में भी सक्षम है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार रोबोट की कीमत करीब 40 लाख रुपए है।
जयपुर. राजस्थान के जयपुर जिले में भी सीवरेज की सफाई अब कर्मचारी नहीं करेंगे। इसके बजाया रोबोट सीवरेज के मैनहॉल में घुसकर उसे साफ करेंगे। इंदौर में अध्ययन के बाद जयपुर नगर निगम ग्रेटर की टीम ने बैंडीकूट रोबोट खरीदने का मन बना लिया है। जिसे खरीदने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। सबकुछ ठीक रहा तो जयपुर के सीवरेज मैन हॉल से भविष्य में किसी सफाई कर्मी की मौत नहीं होगी।
सारे काम अकेला करता है 40 लाख का रोबोट
बैंडीकूट रोबोट सफाई के कार्य में निपुण है। जो गंदगी के अलावा नालों में रोक लगाने वाले कंकड़, पत्थर व अन्य मलबे को भी निकाल सकता है। इसमें लगे 36 कैमरे से बेहतर निगरानी करने में सहायक हैं। वहीं, सीवर इंस्पेक्शन कैमरा, पावर बकेट मशीन और पावर रोडिंग ऑपरेटर्स का काम ये रोबोट अकेला ही कर सकता है। रोबोट के ऑटोमेटिक हाथ 80 फीट की गहराई तक जाकर गंदगी को खींचकर बाहर निकाल सकते हैं। पानी और हवा के दबाव से कचरे को डी-चोक करने में भी सक्षम है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार रोबोट की कीमत करीब 40 लाख रुपए है।
देश में यहां रोबोट करते हैं सफाई
बैंडीकूट रोबोट सीवरेज की सफाई का काम देश के कई बड़े राज्यों व शहरों में करते हैं। इनमें दिल्ली, केरल, तमिलनाडू राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश का इंदौर शहर शामिल है। इनमें से नगर निगम ग्रेटर की टीम पिछले दिनों रोबोट से सफाई कार्य का अध्ययन करने इंदौर गई थी। जहां बैंडीकूट रोबोट की क्षमताओं से प्रभावित टीम ने रोबोटिंग मशीन को खरीदने पर सहमति जता दी। जिसके बाद इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
मौत रोकेगा रोबोट
सीवरेज में हाइड्रोजन सल्फाइड, अमोनिया, मीथेन, कार्बन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों का मिश्रण होता है। जो जानलेवा होने की वजह से हर साल कई सफाईकर्मियों को मौत की नींद सुला देती है। अब जबकि ये काम रोबोट से संभव होगा तो सफाईकर्मियों की जिंदगी को भी जोखिम नहीं होगा।