सार

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से सामने आई रोचक खबर, जहां चंबल से रास्ता भटककर गांव में आ गया मगरमच्छ। गांववालों ने टांग पकड़कर बांध लिया। वन विभाग की टीम ने कई घंटों की मशक्कत के बाद पकड़ा और फिर नदी में छोड़ा...

जयपुर (jaipur). आप सवेरे जागें.... घर के बाहर निकलें और पता चले कि रास्ते में मगरमच्छ घुमता हुए मिले, तो आप क्या करेंगे? यही ना कि अलर्ट होकर मगरमच्छ की निगरानी करते हुए वन विभाग वालों को सूचना देंगे। लेकिन राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित एक गांव में इसका उल्टा ही हुआ, वहां गांववालों ने मगरमच्छ को दबोचा उसके पैर बांधे और उसके बाद उसे घर के बाहर पालतू की तरह बांध लिया। इसके बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट वालों को फोन कर इसकी सूचना दी। करीब पांच फीट से ज्यादा लंबे इस मगरमच्छ को पकड़कर वापस नदी में छोड़ने के लिए वन विभाग वालों ने कई घंटे मशक्कत की। हैरान करने वाली घटना राजस्थान के चंबल नदी के पास बसे सवाईमाधोपुर गांव की है।

नदी में पानी बढ़ने से बहकर आया

दरअसल राजस्थान के पूर्वी जिलों और राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में देर रात हुई बारिश के चलते चंबल नदी में पानी की आवक अचानक बढ़ गई थी। इस दौरान चंबल के नजदीक ही स्थित सवाई माधोपुर जिले में भी पानी की तेजी देखी जा सकती थीं। रात को हुई बारिश के बाद चंबल नदी का एक मगरमच्छ पानी के तेज बहाव के चलते किनारे पर आ गया और रास्ता भटक गया। वापस नदी में जाने की जगह खंडार उपखंड के कूडाना गांव में वह घुस आया। रात को तो किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। सवेरे जब गांव के लोग अपने घरों से बाहर आए तो गलियों में मगरमच्छ घुमता दिखा। 

चंबल घडियाल रेस्क्यू टीम पहुंची, मगरमच्छ को उठाकर ले गई

वन विभाग को सूचना देने के बाद उन्होनें चंबल घडियाल रेस्क्यू टीम को इस बारे में जानकारी दी। तो रेस्क्यू वालों की टीम मौके पर आई। इससे पहले गांव वालों ने उसके पीछे के पैर मोटे रस्से से बांधकर उस रस्से का एक सिरा पत्थर में बांध दिया था। दो से ढाई घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को उठाया गया और उसके बाद उसे पिकअप में डालकर वापस चंबल में छोड़ा गया। ग्रामीणों ने बताया कि कभी कभार तेज बारिश के बाद मगरमच्छ सड़कों पर आ जाते हैं। लेकिन वे इस तरह गावों में नहीं घुसते हैं।

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