सार

यह बात सारी दुनिया को पता चल चुकी है कि अगर कोरोना संक्रमण को हराना है, उसकी चेन तोड़ना है, तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। लेकिन एक शख्स दूसरों को नसीहत देता रहा, लेकिन खुद पालन नहीं किया। अपने यहां बेटे होने की खुशी में उसने तमाम रिश्ते-नातेदारों के यहां लड्डू और बताशे बांटे। अब इसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो सब घबराए हुए हैं। मामला राजस्थान के दौसा जिले का है।


दौसा, राजस्थान. कोरोना को लेकर लापरवाही भारी पड़ सकती है। यह बात सारी दुनिया को पता चल चुकी है। अगर कोरोना को हराना है, संक्रमण की चेन तोड़ना है, तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। लेकिन एक शख्स दूसरों को नसीहत देता रहा, लेकिन खुद ने इसका पालन नहीं किया। अपने यहां बेटा होने की खुशी में उसने तमाम रिश्ते-नातेदारों के यहां लड्डू और बताशे बांटे। अब रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो सब घबराए हुए हैं। मामला राजस्थान के दौसा जिले का है। 

पहले जानते हैं राजस्थान की कोरोना को लेकर स्थिति
शुक्रवार सुबह तक राजस्थान में 44 नए मामले सामने आए हैं। इनमें जयपुर में 21 और कोटा में 18 संक्रमित मिले। वहीं, झालवाड़ में 4, जबकि भरतपुर में एक संक्रमित मिला। यानी अब तक राज्य में 2008 संक्रमित मिल चुके हैं।

लड्डू पड़ रहे भारी...
यह मामला दौसा जिले के नांगल थाना इलाके में स्थित छारडा सरकारी हॉस्पिटल के लैब टेक्निशियन से जुड़ा है। इनकी ड्यूटी 11 अप्रैल से दौसा जिला हॉस्पिटल में लगाई गई थी। इस दौरान उनकी गर्भवती पत्नी भी साथ रही। 15 अप्रैल को उसने एक बेटे को जन्म दिया। इसके बाद वो रिलीव होकर घर आ गई। लैब टेक्निशियन ने भी 21 अप्रैल को यहां से रिलीव करा लिया। उसने बच्चे की खुशी में अपने गांव लाका बेराउंडा, बहन के गांव आभानेरी के अलावा आसपास के गांवों में रहने वाले अपने रिश्ते-नातेदारों को लड्डू-बताशे बांटे। वो खुद सबको लड्डू खिलाने पहुंचा। 23 अप्रैल को यह शख्स अपनी बहन के गांव था, तभी उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने की सूचना मिली। इसके बाद तो वो जिस-जिससे मिला, सबकी हालत खराब हो गई।

लापरवाही आई सामने
21 अप्रैल को दौसा हॉस्पिटल से रिलीव होते समय लैब टेक्निशियन को घर में ही क्वारेंटाइन होने की सलाह दी गई थी। लेकिन उसने लापरवाही बरती और घूमता रहा। अब मामला सामने आने के बाद पांचों गांवों में मेडिकल टीम भेजी गई हैं।