सार
पुलिस ने पीड़िता के शव के पास से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पड़ोसी युवक को आरोपी बनाया था। इस मामले में 10 साल बाद फैसला आया है। केस में 18 अहम गवहों ने अपने-अपने बयान दर्ज करवाए थे।
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले की कोर्ट (Sikar court) ने एक अहम फैसला सुनाया है। एक नवविवाहिता को प्रताड़ित कर सुसाइड (suicide) के लिए उकसाने के आरोपी को कोर्ट ने सात सा की जेल और पांच हजार रुपए का जर्माना लगाया है। आरोपी को नवविवाहिता द्वारा लिखे सुसाइड नोट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता ने सुसाइड नोट में लिखा था शादी के बाद पड़ोसी युवक लगातार परेशान कर रहा था जिस कारण से आत्महत्या कर रही हूं। मामले में अपर सेशन न्यायाधीश क्रम-दो के न्यायाधीश बीएस चंदेल ने दादिया थाना इलाके के गुंगारा गांव निवासी राजेश कुमार पुत्र रणजीत सिंह को दोषी मानते हुए उसे सात साल कारावास में रहने का फैसला सुनाया।
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शादी के दो साल बाद खाया था जहर
अपर लोक अभियोजक अशोक नागर ने बताया कि सीकर की कोलिड़ा गांव निवासी संजू देवी ने 2012 में आत्महत्या की थी। इस मामले में संजू के पिता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जिसमें बताया था कि संजू की शादी 2010 में हुई थी। शादी के बाद राजेश बार-बार फोन कर परेशान कर रहा था। जिससे दुखी होकर उसने आत्महत्या कर ली थी।
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पुलिस को भी शव के पास संजू का सुसाइड नोट मिला था। जिसमें उसने आरोपी राजेश पर फोन कर प्रताड़ित करने की बात लिखते हुए अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया था। इसके आधार पर पुलिस ने राजेश को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। मुकदमे पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 साल बाद आरोपी को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है।
18 गवाहों की गवाही रही अहम
इस मामले में अपर लोक अभियोजन ने बताया कि मुकदमे में सुसाइड नोट के अलावा 18 गवाहों की गवाही अहम रही। जिनके आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी राजेश को संजू की आत्महत्या का दोषी माना।