सार
AIMIM सुप्रीमों के राजस्थान यात्रा से राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। वहां उनके स्वागत में पहुंची भीड़ ने कांग्रेस पार्टी के लिए चिंता बढ़ा दी है। वहीं जनता का हुजूम देख कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियां इसे अपनी सियासत में सेंध मान रही है।
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में पहली बार आए एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने सियासी हलकों में जबरदस्त हलचल मचा दी है। सीकर के प्रवेश द्वार रींगस से ही उनके स्वागत- सत्कार के लिए मुस्लिम समाज का जो हुजूम उमड़ा, उसेे कांग्रेस व भाजपा दोनों ही अपनी सियासत में सेंध मान रही है। कांग्रेस की तो नींद उड़ गई है। क्योंकि ओवैसी की फतेहपुर की जिस सभा में अप्रत्याशित भीड़ ने पिछली कई बड़ी सभाओं के रिकॉर्ड तोड़ दिए, वहां भी कांग्रेस के मुस्लिम विधायक हाकम अली खां है। ऐसे में आने वाले चुनावों में फतेहपुर के साथ कांग्रेस को अन्य मुस्लिम बाहुल्य विधानसभाओं में वोटों का गणित बिगड़ता दिख रहा है।
रींगस से फतेहपुर तक उमड़ा हुजूम
आवैसी के आगमन का पूरे जिले में जबरदस्त असर दिखा। रींगस से ही उनके स्वागत के लिए मुस्लिम समाज के लोग उमडऩा शुरू हो गए थे। सीकर शहर में ईदगाह रोड पर पहुंचते- पहुंचते हजारों लोग उनकी अगवानी में पहुंच गए। ईदगाह में नमाज पढऩे के बाद वे फतेहपुर के लिए रवाना हुए तो रास्ते में उनका काफिला लगातार बढ़ता ही चला गया, जो फतेहपुर की सभा तक लाखों की संख्या में तब्दील हो गया।
तीन विधानसभाओं में ज्यादा असर
असदुद्दीन आवैसी की पार्टी कितनी सीटों से चुनाव लड़ेगी ये तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यदि पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान करती है तो
जिले की आठ में से तीन विधानसभाओं पर ये कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती है। इनमें फतेहपुर के अलावा सीकर व खंडेला विधानसभा है। जहां शहरी इलाके मुस्लिम बाहुल्य है। माना जा रहा है कि मुस्लिम समाज की तादाद के हिसाब से ओवैसी सभी सीटों से ना लड़कर जिले की केवल इन तीन सीटों पर भी चुनाव लड़ सकते हैं।
सीकर में पहले भी बिगाड़ चुकी है गणित
सीकर में कांग्रेस का समीकरण पहले भी एक मुस्लिम प्रत्याशी बिगाड़ चुके हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी से वाहिद चौहान ने चुनाव लड़कर कांग्रेस के 39 हजार मतों में सेंध लगा दी थी। जिससे भाजपा के रतन जलधारी ने कांग्रेस के तात्कालीन उद्योग व आबकारी मंत्री राजेन्द्र पारीक को शिकस्त दे दी थी।
भाजपा को नुकसान कम, फायदा ज्यादा
राजस्थान में आवैसी के आगमन से कुछ नुकसान भाजपा को भी होने का अनुमान है, लेकिन परंपरागत वोट होने की वजह से ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही होगा। ऐसे में भाजपा कांग्रेस के संभावित बड़े नुकसान को भी अपने फायदे के रूप में ही देख रही है।
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