सार
खाटू मंदिर से 200 मीटर दूर मची भगदड़ में जयपुर के मानसरोवर के शिप्रा पथ की रहने वाली कृपा देवी की भी मौत हो गई। सोमवार को मंदिर में पहले दर्शन करने की होड़ में तीन महिलाओं की मौत हो गई थी।
सीकर. खाटू श्याम मंदिर में सोमवार को हुई भगदड़ के बाद अब हालात पूरी तरह से सामान्य हो चुके हैं। आनन-फानन में जिम्मेदार अफसरों ने अपने छोटे अधिकारियों को लापरवाह बता दिया। भक्तों के लिए एक बार फिर से दर्शन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन हादसे में जिन 3 महिलाओं की मौत हुई है। उनके परिवार वाले आज भी सदमे में है।
खाटू मंदिर से 200 मीटर दूर मची भगदड़ में जयपुर के मानसरोवर के शिप्रा पथ की रहने वाली कृपा देवी की भी मौत हो गई। कृपा देवी खाटू श्याम जी अपने ग्रुप की महिलाओं के साथ दर्शन करने के लिए आई हुई थी। यह कोई पहली बार नहीं थी जब कृपा देवी खाटू श्याम आई हो। वह हर महीने खाटूश्यामजी आती जाती थी। ग्यारस के मौके पर भी उसने महिलाओं के साथ खाटू श्याम दर्शन का प्रोग्राम बनाया था। जहां से वह हादसे की रात के पहले करीब 9 बजे वहां पहुंच गई।
4 घंटे बाद पता चला
सुबह करीब 5 बजे के लगभग भगदड़ मची तो कृपा देवी अपने साथी महिलाओं के ग्रुप से अलग हो गई। साथी महिलाओं के पास कृपा देवी की कोई भी फोटो नहीं थी। ऐसे में उन्होंने जयपुर से फोन करके कृपा देवी के पड़ोसी से उनकी फोटो मंगवाई। इसके बाद करीब 4 घंटे बाद पता चला कि कृपा देवी तो इस हादसे का शिकार हो गई है। हॉस्पिटल पहुंचने पर उन्हें पूरे मामले का पता चला।
9 घंटे बाद पहुंचे परिजन
9 घंटे के बाद कृपा देवी के परिजन हॉस्पिटल पहुंचे। जिसके बाद कृपा देवी के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंपा गया। कृपा देवी की उम्र 54 साल है। जिनके दो बेटे और एक बेटी है। तीनों जयपुर में रहकर ही प्राइवेट जॉब करते हैं। कृपा देवी के छोटे बेटे ने 1 महीने पहले ही अपना मकान बनाया था। वहीं, संभागीय आयुक्त को पूरे मामले की जांच मिलने के बाद अब भी सबसे बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी महज केवल थानाधिकारी को हटाकर प्रशासनिक अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। कलेक्टर और एसपी अब भी मानने को तैयार नहीं है कि यह भगदड़ ही थी।
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