सार
राजस्थान के सीकर जिलें में जिस आरोपी पर लाखों की ठगी करने का आरोप लगा। उसी का मंगलवार 19 जुलाई के दिन पेड़ से लटका मिला शव। परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए किया इन्कार। जिसने की शिकायत उस पर झूठी शिकायत करने का मामला कराया दर्ज।
सीकर. राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा रीट से पहले बड़ा मामला सामने आया है। यहां सीकर जिले के अजीतगढ़ थाना इलाके के रायपुरा जागीर में एक शख्स के खिलाफ अजतपुरा निवासी युवक ने 23 लाख रुपए लेकर रीट परीक्षा में अच्छे नम्बर दिलवाने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया था। उस आरोपी का शव मंगलवार 19 जुलाई के दिन खेत में फंदे से लटका मिला। मृतक का नाम नंछूराम अहीर पुत्र चंद्राराम था। जिसकी आत्महत्या की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसका शव नीचे उतरवाया। जिसका अजीतगढ़ अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव उठाने से इन्कार कर दिया। परिजनों का कहना था कि नंछूराम पर रीट के नाम पर ठगी का गलत आरोप लगाया गया था। जिससे अवसाद में आकर ही उसने आत्महत्या की है। ऐसे में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले युवक व वास्तव में धोखाधड़ी करने वाले मृतक के समधी को गिरफ्तार किया जाए। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने परिजनों को आश्वासन देकर मामला शांत करवाया।
केस दर्ज करवाने वाले के खिलाफ की शिकायत
मृतक नंछूराम की आत्महत्या के मामले में अब उसके भाई मंगलाराम ने पुलिस में रिपोर्ट दी है। जिसमें उसने बताया कि अजतपुरा निवासी योगेश कुमार यादव ने 10 जुलाई केा उसके भाई नंछूराम, भाभी जमुरी देवी, उसकी बेटी पूजा व अलवर निवासी नंछूराम के समधी मानसिंह के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाकर रीट परीक्षा के नाम पर ठगी का आरोप लगाया था। जिसमें योगेश कुमार रीट में पास कर नौकरी लगवाने के नाम पर उन पर 23 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया था। जबकि वास्तव में केवल समधि मान सिंह यादव ने ही योगेश से रुपये लेकर खुद व अपने घरवालों सुल्तान सिंह, निर्मला और सूबेसिंह के बैंक खातों में डलवा लिये। जिससेे नन्छूराम व उसके परिवार का कोई संबंध नहीं था। लेकिन, इसके बावजूद भी योगेश ने नंछूराम व उसके परिवार को ठगी के केस में फंसा दिया। जिससे नंछूराम मानसिक रूप से परेशान हो गया। दुखी होकर उसने खेत के पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट में बताया कि सुबह परिजन उठे तो उसका शव फंदे पर झूलता मिला। जिसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई।
शव उठाने से किया इन्कार
घटना के बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को अजीतगढ़ के सरकारी अस्पताल में रखवाया। जहां मोर्चरी में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव लेने से मना दिया। उनका कहना था कि पहले मृतक की आत्महत्या के दोषी मानसिंह व योगेश के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उसके बाद ही शव उठाया जाएगा। सूचना पर काफी संख्या में गा्रमीण भी मौजूद हो गए। जो परिजनों के साथ हो गए। पुलिसकर्मियों की काफी समझाइश के बाद भी वे नहीं माने। आखिरकार एसएचओ सुनील कुमार ने उनसे फोन पर बात की। जिन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामला शांत करवाया। इसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया।
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