सार

राजस्थान के श्रीगंगानगर शहर से 3 साल की मासूम के  ब्लाइंड मर्डर केस में शॉकिंग खुलासा किया है। जब पुलिस को आरोपी के बारे में पता चला तो एक बार को तो वो भी चौंक गई। दरअसल पीड़िता की मां ने ही गला दबाकर उसकी जान ले ली फिर चलती ट्रेन से फेंक दिया।

श्रीगंगानगर (sriganganagar). राजस्थान के श्रीगंगानगर के हिन्दुलमलकोट थाना क्षेत्र के फतुही रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर 17 जनवरी को 3 साल की बच्ची का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। लावारिस लाश मिलने के बाद पुलिस इसे ब्लाइंड मर्डर के तहत जांच कर रही थी। अब 2 दिन की जांच के बाद  मामले का थाना पुलिस ने बड़ा खुलासा कर दिया है। बच्ची की मां और उसके आरोपी को इस केस में अरेस्ट किया है।

रेलवे ट्रैक के पास मिली थी लावारिस बॉडी
एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि मंगलवार 17 जनवरी की सुबह पुलिस को करीब 3 साल की एक बच्ची का शव हिन्दुलमलकोट थाना क्षेत्र में लक्ष्मीनारायण वितरिका के पास रेलवे ट्रैक पर मिला था। अज्ञात बच्ची की हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेंका गया था। घटना के खुलासे के लिए एसएचओ संजीव चौहान के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।

पुलिस ने शुरू की जांच, सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
पुलिस टीम ने मामले की जांच की और कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मुखबिरों की सूचना पर बच्ची की हत्या के आरोप में मूलतः बरगदेई जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश निवासी मां सुनीता देवी पत्नी बिंदेश्वरी उर्फ दिनेश कुमार तथा सलवन जिला रायबरेली उत्तर प्रदेश निवासी प्रेमी सन्नी उर्फ माल्टा को गिरफ्तार किया है। एसपी शर्मा ने बताया कि जांच में सामने आया कि आरोपी मां सुनीता पति दिनेश उर्फ बिंदेश्वरी को छोड़ अपने प्रेमी सन्नी उर्फ माल्टा के साथ शास्त्री नगर बस्ती रेलवे अंडर ब्रिज के पास रहती है। सुनीता के 5 बच्चे हैं, तीन बच्चे अपने पिता के साथ तथा 4 वर्षीय खुशबू और करीब 3 वर्षीय किरण मां सुनीता और आरोपी सन्नी के साथ रहती थी। दोनों आरोपी बच्चियों को खत्म करने का प्लान पिछले काफी समय से बना रहे थे।

गला घोट कर चलती ट्रेन से फेंका नीचे
16-17 जनवरी की रात 3:00 बजे के आसपास सुनीता ने बच्ची किरण को गला घोट कर मार दिया। सन्नी की मदद से एक चादर में शव लपेट कर रात में ही रेलवे स्टेशन श्रीगंगानगर पर जाकर बैठ गए। सुबह 6:10 बजे दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठे। 6:45 से 7:00 के बीच फतुही रेलवे स्टेशन से कुछ पहले लक्ष्मीनारायण नहर के पुल पर जब ट्रेन पहुंची तो चलती ट्रेन से बच्ची के शव को नहर में गिराने का प्रयास किया। परंतु शव रेलवे ट्रैक के पास ही गिर गया। उसके बाद दोनों अबोहर रेलवे स्टेशन गए, वहां से दूसरी ट्रेन में बैठ कर वापस श्रीगंगानगर आ गए।

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