सार

राजस्थान में अब आतंकी संगठन और गैंगस्टर के गुर्गों का खात्मा होगा। क्योंकि एनआईए एजेंसी अब राजस्थान में अपना ऑफिस बनाने जा रही है। पूरे प्रदेश में हर शहर हर  गांव में दबिश देगी। जयपुर से अगले 1 से 2 महीने में इसका काम शुरू हो जाएगा।
 

जयपुर. राजस्थान में आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों और कुख्यात गैंगस्टर के गुर्गों की खेर नही है। वह चाहे जहां भी हो उन पर एनआईए पूरी नजर रखेगा। साथ ही अब राजस्थान में एनआईए की रेड की कार्रवाई भी ज्यादा बढ़ने वाली है। क्योंकि एनआईए अब राजस्थान में अपना ऑफिस बनाने जा रही है। होने को भले ही यह ऑफिस एक शहर में हो। लेकिन ऑफिस के लोग पूरे राजस्थान में कहीं पर भी दबिश दे सकते हैं।

जयपुर से होने जा रही इसकी शुरूआत
दरअसल एनआईए राजस्थान की राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर में अपना थाना शुरू करने जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी की है। अब करीब अगले 1 से 2 महीने में इसका काम शुरू हो जाएगा। मार्च तक यह थाना शुरू होगा। हालांकि यह विद्याधर नगर में कहां संचालित होगा और इसमें कितने सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे इस बारे में अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। लेकिन इस थाने में करीब 1 दर्जन से ज्यादा लोगों का स्टाफ होगा। 

कन्हैयालाल के तालिबानी तरीके से हत्याकांड के बाद चौंकाना एजेंसियां
दरअसल, आंकड़ों की माने तो राजस्थान में इस बार जून के बाद से ही लगातार एनआईए की राजस्थान में आने-जाने का सिलसिला लगा रहा। दरअसल सबसे पहले उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल के तालिबानी तरीके से हुए हत्याकांड के बाद ही राजस्थान में एनआईए ने डेरा डाल लिया था। इस केस में एनआईए के अधिकारी करीब 1 से डेढ़ महीने तक यहीं पर रूके थे। इसके डेढ़ से 2 महीने बाद राजस्थान सहित देश भर में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए ने दबिश दी। इस दौरान भी यह कार्रवाई 1 दिन चली थी। फिर उदयपुर में रेलवे ट्रैक के मामले में भी एनआईए मौके पर पहुंची। हालांकि यहां कुछ घंटे बाद ही वह वापस लौट गई। इसके बाद अब मंगलवार को एनआईए गैंगस्टर और आतंकी गतिविधियों के इनपुट के बाद दबिश दी थी।

लोकल पुलिस का भी सहयोग नहीं लेती है एनआईए
एनआईए की यह कार्रवाई इतनी खुफिया होती है कि जब तक एनआईए के अधिकारियों को जरूरत नहीं होती है। तब तक वह लोकल पुलिस को भी अपनी सर्च और रेड की सूचना नहीं देते हैं। हाल ही में कल जहां राजस्थान में। एनआईए की रेड हुई। उसमें भी लोकल पुलिस को कुछ पता नहीं चल पाया।