सार

टोंक जिले में रविवार एवं सोमवार को आने वाली कावड़ यात्रा के दौरान पुलिस को सूचना मिली थी कुछ लोग उपद्रव कर सकते हैं। ऐसे में गलत सूचनाओं को रोकने के लिए सरकार के द्वारा इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी गई है। 

टोंक. राजस्थान में इंटरनेट बंद करना अब मजाक बन गया है। सरकार ने बात-बात पर इंटरनेट बंद करना शुरू कर दिया है।  इंटरनेट बंद होने के कारण आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 2 दिन से हनुमानगढ़ के भादरा कस्बे के कई गांव में इंटरनेट बंद किया गया है।  उसके बाद अब 2 दिन के लिए टोंक जिले के कई कस्बों में कांवड़ यात्रा को देखते हुए इंटरनेट बंद किया गया है। रविवार और सोमवार को रात तक के लिए टोंक के मालपुरा ,टोडारायसिंह समेत अन्य कई कस्बों में इंटरनेट बंद किया गया है।

क्यों बंद किया गया इंटरनेट
दरअसल, टोंक जिले में रविवार एवं सोमवार को आने वाली कावड़ यात्रा के दौरान पुलिस को सूचना मिली थी कि कावड़ यात्रा के ऊपर कुछ समाज उपद्रव कर सकते हैं। इसको देखते हुए शनिवार रात से सोमवार रात तक के लिए टोंक में कई कस्बों का इंटरनेट बंद कर दिया गया।  साथ ही टोंक जिले की करीब 70 फीसदी से ज्यादा पुलिस को टोडारायसिंह, मालपुरा और आसपास के कस्बों में तैनात कर दिया गया है। टोंक जिले के लगभग सभी शिव मंदिरों में पुलिस बंदोबस्त किया गया है।  ताकि किसी तरह की परेशानी से निपटा जा सके। 

उधर जयपुर पुलिस पहले ही कावड़ में आने जाने वाले हर कावड़िए का रजिस्ट्रेशन कर रही है। टोंक जिले में भी अब यह व्यवस्था लागू की जा रही है। टोंक जिला प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और गलत सूचना को फैलने से पूरी तरह रोकने के लिए इंटरनेट बंदी की गई है। 

कई घटनाएं आईं थी सामने
गौरतलब है कि पिछले 6 महीनों के दौरान धार्मिक यात्राओं और पद यात्रियों पर पत्थरबाजी एवं अन्य घटनाएं सामने आई हैं। इसके कारण कई जिलों में कई दिनों तक इंटरनेट बंदी की गई और साथ ही कर्फ्यू लागू किया गया। कुछ जिलों के दौरान जोधपुर, भीलवाड़ा ,करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, राजसमंद, उदयपुर जैसे जिलों में माहौल खराब हो चुका है। इन्हीं सब से सबक लेते हुए प्रदेश में उन जिलों में अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है, जहां पर माहौल खराब होने का अंदेशा हो है।

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