सार

ग्रामीणों ने बताया कि इस काम के बाद कई मजदूर अपने घर लौटने वाले थे। उनके बच्चे उनका इंतजार कर रहे थे। अब उनके शव यहां पहुंचे तो परिवार बिलख पड़ा। रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है। हर कोई स्तब्ध है।

उदयपुर : बिहार (Bihar) में दो दिन पहले हुए भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वाले उदयपुर (Udaipur) के खेरवाड़ा के आठ मजदूरों के शव बीती रात उनके घर लाए गए। जन प्रतिनिधि और समाजसेवियों के साथ मृतकों के परिवार के चुनिंदा लोग मौजूद थे। शवों को बिहार से पहले जयपुर लाया गया था और उसके बाद  इन शवों को उदयपुर भेजा गया। देर रात शव उदयपुर के खेरवाड़ा मृतकों के गांव में पहुंचे। शवों को देखकर बच्चे शवों से लिपटकर फट पड़े। महिलाओं ने कोहराम मचा दिया। कई गांवों के लिए लोग इस घटना के गवाह बने। आज सभी शवों को एक साथ अंतिम संस्कार के लिए उनके गांवों में ले जाया गया। उसके बाद सभी को एक साथ विदाई दी गई। 

कैसे हुआ था हादसा
जानकारी के अनुसार 15 मजदूर ट्रक में सवार थे। बोरवेल मशीनों के पाईप और लोहे का अन्य सामान ट्रक में भरा हुआ था। अचानक चालक को नींद की झमकी आने के बाद ट्रक पलट गया। उसमें बैठे ईश्वर लाल, वसु लाल, काबा राम, कांति लाला, हरीश, मनी लाला, दुष्मंत और एक अन्य की मौत हो गई। सात मजदूरों को स्थानी लोगों ने पाइपों के नीचे से निकाला और फिर अस्पताल में भर्ती कराया। 

काम करने जा रहे थे सभी मजदूर
पता चला कि सभी मृतक बोरवेल की गाड़ियों के साथ काम करने गए थे। मरने वालों में चार खेरवाड़ा, सरेरा, महुवाल, मालिफला गांव के रहने वाले हैं। वहीं 4 खेरवाड़ा के पाछा, पडला गांव के रहने वाले थे। मौके पर दूसरे तीन घायल भी इसी क्षेत्र के हैं। इस हादसे के बाद सीएम ने सभी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषण की थी। जिन लोगों की इस हादसे में मौत हुई है उनमें से अधिकतर शादीशुदा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस काम के बाद कई मजदूर अपने घर लौटने वाले थे। उनके बच्चे उनका इंतजार कर रहे थे। बिहार से जयपुर और जयपुर से उदयपुर शव लाने के दौरान खेरवाडा एमएलए दयाराम परमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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