सार

राजस्थान में मानसून की गणित बिगाड़ रही यहां पड़ने वाली भीषण गर्मी। प्रदेश में चार सौ से भी ज्यादा बांध खाली हैं। अधिकतर बांधों में पानी की स्थिति चिंताजनक  बनी हुई है, यदि इस साल बारिश कम हुई तो हालात और बिगड़ सकते है.....

जयपुर (jaipur). राजस्थान के जयपुर स्थित मौसम विभाग के अनुसार इस बार भी राजस्थान में सामान्य बारिश रहने वाली है। कुछ जिलों में तो सामान्य से भी कम बारिश होने का फोरकास्ट किया जा रहा है। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि प्रदेश भर के बांधों की क्या हालात है.. किसमें कितना पानी बचा है। कौन से बांध सूखे की हालात में जा रहे हैं और किन बाधों में से सप्लाई बंद कर दी गई है। भीषण गर्मी के कारण चंद महीनों मे ही करीब चालीस प्रतिशत से ज्यादा बांध खाली हो चुके हैं। 

चार सौ से ज्यादा बांध खाली हो चुके प्रदेश में
राजस्थान में सभी बांध मिलाकर करीब 725 बांध हैं। इनमें से वर्तमान में 435 खाली चल रहे हैं। इनसे पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है। इन सभी बाधों की कुल भराव क्षमता 865.25 एमक्यूएम है। जल संसाधन विभाग के अनुसार इन बाधों में पांच प्रतिशत से भी कम पानी बचा है। साल 2021 में करीब 336 बांध खाली हो गए थे। अब इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

जोधपुर संभाग के बांधों की हालत सबसे खराब

दरअसल प्रदेश भर में साल 2020 में अच्छी बारिश हुई थी। जिस कारण अधिकतर बांध लबालब हो गए थे। कुछ पर तो चादर तक चल गई थी। उसके बाद साल 2021 में इतनी बारिश नहीं हुई। बांधों में पानी की आवक कम होने लगी। जिससे इस संभाग के बांधों की हालात से सबसे खराब हुई। वहां 123 बांधों को मिलाकर कुलभराव क्षमता का मात्र 1.6 प्रतिशत पानी ही बचा है। वहां इस बार भी कम बारिश होने का अनुमान है, यदि इस मानसून में जोधपुर संभाग में अच्छी बरसात नहीं हुई तो सूखे के हालात हो जाएंगे।

बांधों में पानी उनकी क्षमता का आधा भी नहीं भरा
जयपुर संभाग में 261 बांध हैं, जिनकी पूर्ण भराव क्षमता 2671.12 एमक्यूएम है। पिछले साल के अंत तक इनमें करीब चालीस फीसदी पानी था। इस साल मई तक सरकारी अफसरों के अनुसार सिर्फ 16 फीसदी पानी ही बचा हैं। उदयपुर संभाग के 256 बांधों की कुल भराव क्षमता 4640.55 है। इनमें पिछले साल के अंत तक 75 फीसदी पानी था। जो पिछले महीने तक 32 फीसदी बचा था। सभी संभागों के बाधों की कुल क्षमता की बात करें तो 12626.32 एमक्यूएम है और साल तक इनमें 8898.59 एमक्यूएम पानी था जो कुल भराव क्षमता का 70.48 प्रतिशत रहा। लेकिन वतर्मान में यह 36.34 प्रतिशत रह गया है।

अन्य जिलों के बाधों के भी हालात कुछ खास नहीं

जोधपुर संभाग के अलावा अन्य संभागों के हालात भी कुछ खास अच्छे नहीं हैं। जितनी तेजी से बांध लबालब होते हैं उतनी ही जल्दी खाली भी हो जाते हैं। इसका कारण है सरकार द्वारा पानी के लाखों नए कनेक्शन देना। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश भर में हर साल पांच लाख से भी ज्यादा पानी के नए कनेक्शन दिए जाते हैं। इस वजह से जितने तेजी से बारिश का पानी जमा होता है उतनी ही तेजी से खाली भी हो रहा है।
आपको बता दे कि बांधों से लगातार कम हो रहा पानी चिंता का विषय है। और यदि इस साल पानी कम बरसा तो प्रदेश में सूखे के हालात बनने वाले है। क्योंकि बांध अपनी क्षमता से आधे से ज्यादा खाली है, साथ ही कम बारिश होने से ये पूरें भरा भी नहीं पाएंगे। जिससे प्रदेश में हालात बिगड़ सकते है।