सार
संबंध बनाना जितना आसान होता है, उसे निभाना उतना ही कठिन। अक्सर देखा गया है कि रिलेशनशिप के कुछ ही समय के बाद पार्टनर्स में विवाद होने लगते हैं।
रिलेशनशिप डेस्क। संबंध बनाना जितना आसान होता है, उसे निभाना उतना ही कठिन। अक्सर देखा गया है कि रिलेशनशिप के कुछ ही समय के बाद पार्टनर्स में विवाद होने लगते हैं। आधुनिक जीवनशैली में बढ़ता तनाव, व्यस्तता और अहम का टकराव संबंधों में परेशानी की मुख्य वजहें हैं। बहुत से लोग अपनी बात पार्टनर पर लादना चाहते हैं और उनकी भावनात्मक जरूरतों का ख्याल नहीं रखते। इससे भी समस्या पैदा होती है और पार्टनर्स को आपस में तालमेल बनाए रखने में दिक्कत होने लगती है। अगर ऐसा लंबे समय तक चलता रहे तो इसका रिश्ते पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। कोशिश करनी चाहिए कि समस्याओं के बावजूद पार्टनर से मधुर संबंध बने रहें, क्योंकि इससे नजदीकी रिश्ता और कोई नहीं होता।
1. रुचियां हो सकती हैं अलग
जरूरी नहीं कि पार्टनर्स की रुचियां एक जैसी ही हों। इसे लेकर तकरार करना गलत है। हर इंसान की अपनी पसंद होती है। अगर आपके पार्टनर को टीवी देखना पसंद है और आपको नहीं, तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं। खाने में कोई चीज आपको पसंद आ सकती है तो संभव है कि वह पार्टनर को पसंद ना हो। यह कोई समस्या की बात नहीं। सबको अपनी रुचि के हिसाब से चलने का हक है।
2. गुस्सा नहीं करें
कई बार हम पार्टनर पर अपना हक समझते हुए उसे कुछ भी कह देते हैं और गुस्सा भी करने लगते हैं। यह गलत है। कोई भी बात हो, शांति से कहें और सुनें भी। संबंध को ठीक रखने के लिए कई बातें इग्नोर करनी पड़ती हैं। मामूली बातों पर ध्यान नहीं दें।
3. कमियां मत निकालें
कुछ लोगों की आदत होती है कि हमेशा दूसरों में कोई न कोई कमी निकलते रहते हैं। ऐसे लोग पार्टनर के साथ भी ऐसा करते हैं। संबंधों की शुरुआत में तो सब ठीक रहता है, पर कुछ समय तक साथ रहने के बाद पार्टनर में कमियां निकालने लगते हैं और ताने कसते हैं। ऐसा व्यवहार किसी को बुरा लगेगा।
4. नापसंदगी साफ जाहिर करें
अगर आपको अपने पार्टनर के स्वभाव या व्यवहार में कोई कमी नजर आती हो, तो दोस्ताना तरीके से साफ बताएं। मन में इन बातों को नहीं रखें, क्योंकि ये चीजें दबाकर रखने पर नासूर का रूप ले लेती हैं। जब आप अपनी पसंद-नापसंद जाहिर कर देंगे, तो हो सकता है कि आपका पार्टनर उन बातों का ख्याल रखे।
5. सकारात्मक दृष्टिकोण रखें
संबंधों को लेकर एक खुला और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। यह कभी मत सोचें कि पार्टनर आपकी मन-मर्जी का गुलाम है और आपके इशारे पर नाचेगा। सभी को अपने ढंग से जीने की पूरी आजादी है, बशर्ते उससे आपके जीवन में कोई खलल नहीं पैदा होती हो। यह भी मत भूलें कि जीने के लिए किसी न किसी का साथ जरूरी है, खासकर उसका जो आपको दिल से चाहता हो।