सार
weird parenting: मां अपने बच्चों को अच्छी डाइट देती हैं। उन्हें कैफीन से दूर रखके दूध की आदत डालती है। लेकिन एक ऐसी मां हैं जिसने अपने 4 बच्चों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई हैं। वो कुछ भी खा पी सकते हैं। जैसे चाहे वैसे रख सकते हैं। इसके पीछे वजह बच्चों की खुशी हैं। क्या यह सही है आप खुद ही तय कीजिए।
रिलेशनशिप डेस्क. माता-पिता अपने बच्चों को पालने में काफी सावधानी बरतते हैं। उनकी डाइट पर काफी ध्यान देते हैं। क्या करना है और क्या नहीं वो भी तय करते हैं, ताकि बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचे और वो सही गलत का फर्क समझे। कुछ पैरेंट्स अपने बच्चों पर ज्यादा नजर रखते हैं तो कुछ उन्हें थोड़ी सी आजादी देते हैं। लेकिन हम आपको आज एक ऐसी मां से मिलवाने जा रहे हैं जो अपने बच्चों पर पाबंदी लगाने की बजाय खुली छूट दे रखी हैं। इतनी आजादी जिसे जानकर एक बार जरूर कह उठेंगे कि ये कैसी पैरेंटिंग।
अमेरिका के टेक्सास में रहने वाली 29 साल की मारा डोमलैंड (Mara Doemland) अपने बच्चे को पालने के लिए एक अलग तरीका अपनाई हुई हैं। वो अपने पैरेंटिंग में बच्चों को खुली छूट दे रखी हैं। मारा अपने चार बच्चों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई हुई हैं। वो जो भी चाहते हैं वो उन्हें करने देती हैं। ना तो उन्हें चाय-कॉफी पीने की मनाही हैं और ना ही चप्पल जूते को लेकर कोई हिदायत दी जाती है।
बच्चों को खुश रखने के लिए करने देती हैं वो सब काम
29 वर्षीय मारा डोमलैंड ने पेरेंटिंग के "फ्री रेंज फैमिली" स्कूल में दाखिला लिया है, जिसमें अपने बच्चों को जो कुछ भी करना है उसे करने का विकल्प देना शामिल है। 9 साल की एमी, 7 साल का मर्फी, 5 साल का रिप्ले और 2 साल की इंडी की वो मां हैं। उम्र को देखकर समझ सकते हैं कि उनके चारों बच्चे अभी बहुत छोटे हैं। बावजूद वो उन्हें वो करने देती है जो उन्हें खुश रखे।
बच्चों को विकल्प चुनने की देती हैं आजादी
डोमलैंड और उनके 36 साल के पार्टनर क्रिस्टोफर मारेथ भी बच्चों पर सख्ती दिखाने के पक्ष में नहीं हैं। वो भोजन पर पाबंदी लगाने को लेकर सहमत नहीं हैं। वो अपने बच्चे को भोजन चुनने का विकल्प देते हैं। भले ही वो थाली में पत्तेदार साग और अतिरिक्त मिठाई शामिल न हो। मीडिया से बातचीत में डोमलैंड ने बताया कि मैं नहीं चाहती हूं कि वो खाने के साथ निगेटिव हो जाएं। मैं यह सुनिश्चित करती हूं कि उनके लिए सभी तरह के भोजन मौजूद हों। वो कॉफी पी सकते हैं। हालांकि वो यह भी कहती हैं कि वो दिन भर कॉफी नहीं पीते हैं। यहां तक की वो मिट्टी भी खाते हैं। लेकिन वो उन्हें मना नहीं करतीं।
बच्चा डरने की बजाय खुद से सीखें
खाना पीना ही नहीं वो बच्चे के पहनने की भी आजादी दे रखी है। वो बाहर बारिश में खेल सकते हैं। बिना चप्पलों के घूम सकते हैं। वो चाहती हैं कि उनके बच्चे आरामदायक हों और वो पहनें जो उन्हें खुश करता है। उन्हें अपना सिर मुंडवाने की अनुमति देना शामिल है। वो बताती हैं कि वो बड़ी बेटी एमी को 19 साल की उम्र में जन्म दिया था। तब उन्हें खुद पैरेंटिंग का आइडिया नहीं था। वे पहले थोड़ी सख्त थीं, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने बच्चों को अपनी पसंद-नापसंद चुनने दिया। वे सीखने से पहले शायद इसे कुछ बार करेंगे। मैं चाहती हूं कि वे इससे डरने और डरने के बजाय सीखें।
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