सार
प्यार का संबंध ऐसा होता है कि रूठना-मनाना चलता ही रहता है, लेकिन कई बार कुछ खास परिस्थितियों में पार्टनर काफी गुस्से में आ जाता है। ऐसे में, बहुत सावधानी के साथ कोई कदम उठाना चाहिए।
रिलेशनशिप डेस्क। प्यार का संबंध ऐसा होता है कि रूठना-मनाना चलता ही रहता है, लेकिन कई बार कुछ खास परिस्थितियों में पार्टनर काफी गुस्से में आ जाता है। ऐसे में, बहुत सावधानी के साथ कोई कदम उठाना चाहिए। अगर आपने बिना-सोचे समझे जल्दबाजी में कोई कदम उठा लिया, तो इससे आपका रिश्ता खतरे में भी पड़ सकता है। अक्सर कुछ लोगों का अपने पार्टनर से ऐसा लगाव हो जाता है कि वे एक दिन भी उससे मिले या बातचीत किए बिना नहीं रह पाते। उनमें पार्टनर पर एक तरह की भावनात्मक निर्भरता पैदा हो जाती है। पार्टनर के नाराज हो जाने और बात नहीं करने पर ऐसे लोग बहुत बेचैनी महसूस करने लगते हैं। ऐसा अधिक संवेदनशीलता और भावुकता के कारण होता है। बेचैनी की हालत में ये पार्टनर से कम्युनिकेट करने के लिए कुछ ऐसे कदम भी उठा लेते हैं, जिनका असर नकारात्मक होता है। जरूरी नहीं कि सबकी संवेदनशीलता का स्तर एक ही हो। कुछ लोग ज्यादा व्यावहारिक होते हैं। जानें, पार्टनर ने अगर नाराज होकर दूरी बना ली हो तो क्या नहीं करें।
1. बार-बार मैसेज नहीं करें
अगर पार्टनर नाराज हो कर आपसे संपर्क नहीं कर रहा हो और आपके फोन कॉल या मैसेज का जवाब भी नहीं दे रहा हो तो आप अपने कदम कुछ समय के लिए पीछे खींच लें। बार-बार फोन और मैसेज नहीं करें। इससे पार्टनर और भी ज्यादा इरिटेट हो जाएगा। अपना व्यवहार नॉर्मल बनाए रखें और इंतजार करें। गुस्सा ठंडा होते ही पार्टनर खुद आपसे संपर्क करेगा।
2. शिकायत नहीं करें
कुछ लोग पार्टनर के नाराज होकर दूर चले जाने पर या संपर्क नहीं करने पर उसकी शिकायत अपने करीबी दोस्तों से करने लगते हैं। ऐसा वे जानबूझ कर नहीं करते। वे तो पार्टनर की बेरुखी के बारे में बताते भर हैं, पर इसका असर बुरा हो सकता है। दोस्ती और प्रेम संबंध में बहुत फर्क है। दोस्त कभी भी आपकी बातें किसी से शेयर कर सकता है। जब पार्टनर का गुस्सा उतर जाएगा और वह आपसे पहले की तरह संबंध रखने लगेगा तो आपको ही बुरा लगेगा कि आपने उसकी शिकायत की थी। उसे पता चला तो आपसी भरोसा कम हो सकता है।
3. बहस में मत उलझें
कई बार ऐसा भी होता है कि पार्टनर गुस्से में आने के बाद बहस और लड़ाई करने लगते हैं। वे किसी भी बात को लेकर भला-बुरा कहने लगते हैं। अगर सामने नहीं होते तो मैसेज कर दिल को चोट पहुंचाने वाली बातें कहते हैं। अगर आपको रिश्ते को बचाना है तो बेहतर होगा कि आप किसी तरह की बहस में नहीं उलझें, ना ही मैसेज में कही गई गलत बातों का जवाब दें। कुछ दिनों में स्थिति नॉर्मल हो जाएगी, लेकिन अगर बहस में उलझे तो समस्या का कोई निदान नहीं निकल पाएगा।
4. पुराने जख्मों को मत कुरेदें
ऐसा देखा गया है कि जब पार्टनर्स के बीत मनमुटाव या लड़ाई होती है तो वे पुराने झगड़ों को भी बीच में ले आते हैं। हर जोड़े के बीच कुछ न कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिन्हें समय के साथ लोग भूल जाते हैं। दुखद बातों को भूलना ही अच्छा होता है। इसलिए पार्टनर नाराज हो तो उसे पुराने झगड़ों की याद मत दिलाएं और न ही छींटाकशी करें। पुराने जख्मों को कुरेदने से कोई फायदा नहीं होता और बनती बात भी बिगड़ जाती है।
5. ब्लॉक मत करें
ऐसा देखा गया है कि पार्टनर जब आपसे में झगड़ते हैं तो सबसे पहले सोशल मीडिया, वॉट्सऐप, फोन कॉल, फोन मैसेज और यहां तक कि ईमेल पर भी ब्लॉक कर देते हैं। इससे आपके पास संवाद कायम करने का कोई जरिया नहीं रह जाता। इसलिए रिलेशनशिप में चाहे जितना भी तनाव क्यों नहीं आ गया हो, कम्युनिकेशन का कोई न कोई जरिया जरूर बनाए रखें। ब्लॉक करने के पहले सोचें कि इसका आपके पार्टनर के मन पर कैसा असर होगा। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि करीबी रिश्ते में ब्लॉक किए जाने का संवेदनशील लोगों के मन पर बहुत बुरा असर पड़ता है और वे डिप्रेशन के शिकार भी हो सकते हैं।