सार

shraddha walker murder case: श्रद्धा वाकर हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने जिस तरह से उसके साथ बर्बरता की हद पार कर दी कोई सोच भी नहीं सकता है। वाकर की दोस्त की मानें तो उसे पहले से पता था कि उसकी जान जा सकती है।

रिलेशनशिप डेस्क. श्रद्धा वाकर हत्याकांड (shraddha walker murder case) में हर दिन कुछ ना कुछ नई चीजें सामने आ रही है। नई जानकारी की मानें तो वो आफताब पूनावाला के साथ खुश नहीं थी। वो घरेलू हिंसा की शिकार थी। उसने अपने बेस्ट फ्रेंड को मैसेज भी किया था कि वो खुश नहीं है। वो उसे छोड़ना चाहती थी। लेकिन वो मजबूत कदम उठा ही नहीं पाई। उसके दोस्त भी हैरान है कि मारपीट के बावजूद भी उसने आफताब को क्यों नहीं छोड़ा।

श्रद्धा वाकर के कॉलेज के दोस्त धीरे-धीरे मीडिया के सामने आ रहे हैं और वो नए-नए खुलासे कर रहे हैं। एनडीटीवी से बातचीत में श्रद्धा के एक दोस्त ने बताया कि उसका शारीरिक शोषण किया गया था। उसने अपने सबसे अच्छे दोस्त को बताया था। चूंकि हम एक ही फ्रेंड सर्कल का हिस्सा थे तो ये बात मेरे तक भी पहुंच गई थी। कॉलेज का दोस्त रजत शुक्ला ने आगे बताया कि रिश्ते की शुरुआत में ही आफताब ने श्रद्धा को मारा था। ये बाद भी उसने अपने बेस्ट फ्रेंड को बताई थी। बावूजद इसके वो साथ रह रही थी। उसने कहा था कि वह उसे छोड़ना चाहती थी, लेकिन उसने पता नहीं क्यों ऐसा नहीं किया।

श्रद्धा ने दोस्त को बचाने के लिए किया था मैसेज

2015 में कॉलेज में श्रद्धा से मिले रजत ने बताया कि श्रद्धा को अपनी जान का डर था। उसने अपनी बचपन की दोस्त को बचाने के लिए कहा था। उसने कहा था कि मुझे बता लो, नहीं तो मैं मरी हुई पाई जाउंगी। उसने बताया कि श्रद्धा एक आग थी, वो काफी एक्टिव रहने वाली लड़की थी, लेकिन एक आदमी आया और उसे ले गया। 

आफताब के रिश्ते में आने के बाद बदल गई थी श्रद्धा

उसने आगे बताया कि जब आफताब और श्रद्धा का रिश्ता शुरू हुआ तो वो बदलने लगी। धीरे-धीरे वो कॉलेज के दोस्तों से दूरी बना ली थी। दिल्ली आने के बाद तो उसका हमलोगों के साथ कम्यूनिकेशन कम हो गया था। आफताब को लेकर उसने कहा कि उसे पहचानना मुश्किल था। वो एक सामान्य व्यक्ति की तरह लग रहा था। 

छह महीने तक बचता रहा आफताब

बता दें कि आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसके शव को गड़ासे से 35 टुकड़े किए और 300 लीटर फ्रिज के अंदर रख दिया। वो कुछ दिनों तक रात के अंधेरे में निकलता और टुकड़े को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंकता था। वो करीब 6 महीने तक बचता रहा। लेकिन जब श्रद्धा के पिता ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई, तब जाकर पूरा मामला सामने आया।

पीड़िता के पिता ने मुंबई में शिकायत दर्ज कराई जब उसके एक दोस्त ने उसे सितंबर में सूचित किया कि श्रद्धा का फोन दो महीने से अधिक समय से बंद है।शनिवार यानी 12 नवंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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