सार

आजकल ज्यादातर लोग किसी न किसी वजह से तनाव की समस्या से परेशान हैं। तनाव का आपसी रिश्तों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। कोशिश की जानी चाहिए कि जहां तक संभव हो, इस समस्या से बचा जा सके।
 

रिलेशनशिप डेस्क। आजकल ज्यादातर लोग किसी न किसी वजह से तनाव की समस्या से परेशान हैं। तनाव का आपसी रिश्तों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। तनाव की वजह से पार्टनर्स या हसबैंड-वाइफ के बीच मामूली मुद्दों को लेकर लड़ाई हो जाती है। इसका फैमिली के माहौल पर बहुत ही नेगेटिव असर पड़ता है। जो पार्टनर शादी के बंधन में नहीं बंधे हैं, तनाव की वजह से होने वाले झगड़ों के चलते उनकी पर्सनल प्रॉब्लम्स और भी बढ़ जाती है। कोशिश करनी चाहिए कि तनाव की समस्या का हल तलाश करें और इसका असर आपसी संबंधों पर नहीं पड़ने दें। अगर तनाव की वजह से लड़ाई हो जाती है तो पार्टनर्स खुद को और भी अकेला महसूस करने लगते हैं। जानें, ऐसी स्थिति में क्या करें।

1. तनाव की वजह जानें
कई बार हमें पता ही नहीं होता कि तनाव की वजह क्या है। तनाव की कोई वजह बड़ी हो सकती है तो कोई बहुत मामूली। जब तक तनाव के कारण का पता नहीं चलेगा, उसे दूर किया जाना संभव नहीं है। इसलिए खीजने और दूसरे पर गुस्सा उतारने की जगह तनाव का कारण जानने की कोशिश करें। फिर उसे दूर करने के उपाय के बारे में सोचें।

2. पार्टनर से करें बातचीत
कई बार तनाव की स्थिति में लोग पार्टनर से बातचीत करना बंद कर देते हैं और मन ही मन घुटते रहते हैं। इससे परेशानी और भी बढ़ती है। अगर आप अपनी समस्या के बारे में खुल कर बातचीत नहीं करेंगे तो कोई समाधान नहीं निकल पाएगा और परेशानी बनी रहेगी।

3. घर में समय दें
काफी लोग काम की व्यस्तता और दूसरी वजहों के चलते घर में ज्यादा समय नहीं दे पाते। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि घर से ज्यादा समय अलग रहने से कोई भी व्यक्ति परिवार से कटने लगता है और इसका रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए तनाव से बचने के लिए घर पर जितना ज्यादा समय दे पाना संभव हो, दें। 

4. व्यावहारिक बनें
संबंध तभी ठीक ढंग से चलते हैं, जब आप व्यावहारिक रवैया अपनाएं। इसके लिए आपको किसी की कुछ कमियों को नजरअंदाज भी करना पड़ सकता है। हर इंसान में जहां कुछ खूबियां होती हैं, वहीं खामियां भी होती हैं। कोई भी परफेक्ट नहीं होता। इसलिए पार्टनर से परफेक्शन की उम्मीद नहीं करें, क्योंकि इस कसौटी पर आप भी खरे नहीं उतर पाएंगे।

5. रिश्तों में नयापन लाएं
कोई भी रिश्ता जब पुराना पड़ने लगता है तो उसमें पहले जैसा आकर्षण नहीं रहता। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप अपने साथी की उपेक्षा करने लगें और यह तनाव की वजह बन जाए। रिश्तों में नयापन लाना आपके एटिट्यूड पर निर्भर करता है। अगर आपका रवैया सकारात्मक होगा तो आप रिश्ते में ताजगी लाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।