सार
जिस परम पद को प्राप्त होकर मनुष्य लौटकर संसार में नहीं आते उस स्वयं प्रकाश परम पद को न सूर्य प्रकाशित कर सकता है, न चन्द्रमा और न अग्नि ही, वही श्रीकृष्ण का परम धाम है॥
कृष्ण दुःख की तुलना एक पेड़ से करते हैं, जिसकी शाखाएं हमारे गुण और जड़ें हमारे कर्मों से बनती हैं। इस पेड़ की पत्तियां पवित्र भजनों को दर्शाती हैं। कृष्ण अब अर्जुन को कुल्हाड़ी से इस पेड़ को काटने के लिए कहते हैं, और वह कुल्हाड़ी अनासक्ति की है। एक बार जब वह ऐसा कर लेता है, तो उसे ईश्वर की खोज करनी चाहिए जो कि आदिकाल से इस जहान में है, जो वास्तव में इस ब्रह्मांड का सार है। जब कृष्ण अपने मूर्त रूप में होते हैं, तब वे किसी भी अनुभूति से नहीं जुड़े होते हैं, लेकिन फिर भी वे इनका आनंद लेते हैं और हवा की तरह अनुभूतियों को अपने अंदर से गुजरने देते हैं। कृष्ण कहते हैं कि जो लोग स्व-अनुशासित हैं और योग के मार्ग पर हैं, उन्हें एहसास है कि आत्मा ही परमात्मा है। कृष्ण अर्जुन को एक रहस्य की बात बताते हैं कि सभी शास्त्रों में वर्णित परम पुरुष वास्तव में कृष्ण ही हैं।
पसंदीदा श्लोक
न तद्भासयते सूर्यो न शशाङ्को न पावक: |
यद्गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम ||
जिस परम पद को प्राप्त होकर मनुष्य लौटकर संसार में नहीं आते उस स्वयं प्रकाश परम पद को न सूर्य प्रकाशित कर सकता है, न चन्द्रमा और न अग्नि ही, वही श्रीकृष्ण का परम धाम है॥
विश्लेषण
गीता के इस अध्याय में कृष्ण हमें पुरुष का अर्त समझाने की कोशिश करते हैं। पुरुष का तात्पर्य बुनियादी इंसान होने से है। पुरुष शब्द हिंदू धर्म के कई धर्म ग्रंथों में इस्तेमाल किया गया है। जिसमें वेद भी शामिल हैं। पुरुष का तात्पर्य एक लौकिक व्यक्ति से है जो कृष्ण के परम रूप का एक पर्याय है। हमारे हिंदू ग्रंथों में, पुरुष, ब्रह्मा और आत्मा शब्द अक्सर एक-दूसरे के लिए उपयोग किए जाते हैं। कृष्ण यहां यह भी स्पष्ट करते हैं कि ये सब उनके ही अलग-अलग नाम हैं। कृष्ण के अनुसार एक व्यक्ति की आत्मा सिर्फ उनका अंश मात्र है, जो इस दुनिया में शाश्वत आत्मा बनने जा रही है। एक बार जब आत्मा अन्तर्निहित हो जाती है, तो वह तीनों गुणों को आकर्षित करती है। जब प्रकृति और शरीर हमारी आत्मा को घेर लेते हैं, तो व्यक्ति बहक जाता है और भूल जाता है कि ये सभी चीजें एक ही हैं।
कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA)भी किया है।