सार

किसी को भी कष्ट न पहुंचाने वाले शब्द बोलना, सत्य बोलना, प्रिय लगने वाले हितकारी शब्द बोलना और वेद-शास्त्रों का उच्चारण करते हुए अध्यन करना, वाणी सम्बन्धी तप कहा जाता है।

अर्जुन कृष्ण से पूछता है कि उस इंसान में कौन सा गुण है, जो ईश्वर की पूजा करता है पर शास्त्रों को नकार देता है। कृष्ण जवाब देते हैं कि विश्वास के भी तीन प्रकार होते हैं। विश्वास का हर प्रकार इंसान के अंदरूनी स्वभाव और उस पर किस गुण का प्रभाव अधिक है यह बताता है। कृष्ण के अनुसार सतोगुण वाले लोग भगवान की पूजा करते हैं, रजोगुण वाले लोग यक्षों और राक्षसों की पूजा करते हैं, जबकि तमोगुण वाले लोग बुरी आत्माओं की पूजा करते हैं। कृष्ण इन लोगों के खाने के बारे में भी बताते हैं। सात्विक भोजन एकदम ताजा होता है, राजसी भोजन परेशानियों में डालता है और तास्मिक भोजन सड़ा हुआ और पुराना होता है। जो लोग विश्वास के साथ पूजा करते हैं वो सात्विक होते हैं। जो लोग इच्छा होने पर पूजा करते हैं वो राजसी होते हैं और जो लोग बिना किसी विश्वास और श्रद्धा के पूजा करते हैं वो तास्मिक होते हैं। सतोगुण हमारे शरीर, मन और बिना किसी कामना के भगवान के प्रति विश्वास को नियंत्रित करता है, रजोगुण हमारे अभिमान को नियंत्रित करता है और तमोगुण दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए हमें उकसाता है। कृष्ण ने अर्जुन को ओम तात् सत का उपदेश दिया। ओम दान और पूजा की शुरुआत है, तात् का अर्थ है संपूर्ण और सत का अर्थ है सराहना के योग्य कार्य।

Deep Dive with Abhinav Kahre

पसंदीदा श्लोक 
अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत् |
स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाङ्मयं तप उच्यते || 

Abhinav Khare

किसी को भी कष्ट न पहुंचाने वाले शब्द बोलना, सत्य बोलना, प्रिय लगने वाले हितकारी शब्द बोलना और वेद-शास्त्रों का उच्चारण करते हुए अध्यन करना, वाणी सम्बन्धी तप कहा जाता है।

 

विश्लेषण 
कृष्ण ने तीनों गुणों को समझाते हुए अर्जुन को दिखाया कि कैसे ये गुण हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। सत्वता ही एकमात्र ऐसा गुण है, जो हमें भगवान की तरफ ले जा सकता है। रजोगुण और तमोगुण किसी भी व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हैं, बल्कि ये इंसान को भगवान से और दूर ले जाते हैं। तमोगुण वह राक्षसी गुण है, जो व्यक्ति को दूसरों को हानि पहुंचाने के लिए प्ररित करता है, जबकि रजोगुण व्यक्ति को लालची और घमंडी बनाते हैं। कृष्ण कहते हैं कि सिर्फ विश्वास और योग किसी भी इंसान को परेशानियों से मुक्त नहीं कर सकते हैं। इसके लिए शास्त्रों की गहन समझ भी आवश्यक है। कृष्ण अर्जुन को ज्ञान की शपथ लेने के लिए कहते हैं, पर साथ ही वे अर्जुन से यह भी कहते हैं कि वह हमारे धर्मग्रंथों के खिलाफ कभी न जाएं क्योंकि ग्रंथों का ज्ञान ही हमारे लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। 
 

कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।

इंग्लिश, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के मालिक अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) किया है।

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA)भी किया है।