सार

इस बार दे‌वउठनी एकादशी 8 नवंबर, शुक्रवार को है। आमतौर पर दे‌वउठनी एकादशी के ही दिन से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा। ग्रह के योग के कारण शुभ कार्यों के लिए लोगों को 10 दिन इंतजार करना होगा।

उज्जैन. वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है। तुला राशि में सूर्य के होने से विवाह नहीं होते। देवउठनी एकादशी के बाद पहला विवाह मुहूर्त 19 नवंबर है।

नवंबर और दिसंबर में 14 दिन विवाह मुहूर्त
देव प्रबोधिनी एकादशी 8 नवंबर को है। इसके बाद 17 नवंबर को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 18 नवंबर से विवाह शुरू हो जाएंगे, जो 15 दिसंबर तक रहेंगे। इन दिनों में 14 दिन विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास होने के कारण विवाह नहीं होंगे।
इसके बाद 15 जनवरी 2020 से विवाह का दौर शुरू होगा। 11 जुलाई के बाद देवशयनी एकादशी से विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर फिर से रोक लग जाएगी। जुलाई में पड़ने वाली देवशयनी एकादशी से नवंबर की देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। इसलिए इन 4 महीनों में विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं होता है।

नवंबर और दिसंबर में विवाह के मुहूर्त
नवंबर में- 19, 21, 22, 28, 29 और 30 नवंबर
दिसंबर में- 1, 5, 6, 7, 10, 11 और 12 दिसंबर