सार

भगवान गणेश को बुद्धि का देवता कहा जाता है, इसीलिए श्रीगणेश की पूजा भी सबसे पहले ही की जाती है। गणपति बप्पा को लाइफ मैनेजमेंट गुरू भी कहा जाता है। उनके स्वरूप में अध्यात्म और जीवन के गहरे रहस्य छुपे हैं। जिनसे हम लाइफ मैनेजमेंट के गुर सीख सकते हैं।

उज्जैन. भगवान गणेश को बुद्धि का देवता कहा जाता है, इसीलिए श्रीगणेश की पूजा भी सबसे पहले ही की जाती है। गणपति बप्पा को लाइफ मैनेजमेंट गुरू भी कहा जाता है। उनके स्वरूप में अध्यात्म और जीवन के गहरे रहस्य छुपे हैं। जिनसे हम लाइफ मैनेजमेंट के गुर सीख सकते हैं।

1.  भगवान गणेश का सिर हाथी का है, जिसके कान सूपे के जैसे होते हैं। इसका अर्थ है आप सुने सब कुछ लेकिन जैसे सूप छिलके बाहर छोड़ देता है औऱ अन्न को ही अंदर लेता है। उसी तरह हमें भी सिर्फ मतलब की बातें ही ग्रहण करनी चाहिए।  

2. भगवान गणेश की आखें भी छोटी हैं, जिनसे हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें जीवन में सूक्ष्म द्रष्टि रखनी चाहिए। 

3. गणपति बप्पा की बड़ी नाक (सूंड़) दूर तक सूंघने में समर्थ है, जो उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है, जिसका अर्थ है कि उन्हें हर बात का ज्ञान है।

4.  श्री गणेश के दो दांत हैं एक पूरा और एक आधा टूटा हुआ। पूरा दांत श्रद्धा का प्रतीक है जबकि टूटा हुआ दांत बुद्धि का। वह मनुष्य को प्रेरणा देते हैं कि जीवन में बुद्धि कम होगी तो चलेगा, लेकिन ईश्वर के प्रति पूरा विश्वास रखना चाहिए।

5. भगवान गणेश का पेट बड़ा है। इससे यह सीख मिलती है कि पेट सागर की तरह विशाल होना चाहिए, जिसमें अच्छी-बुरी सभी बातों को शामिल करने की शक्ति हो।

6. भगवान गणेश के छोटे पैर शिक्षा देते हैं कि मनुष्य को उतावला नहीं होना चाहिए। सभी काम धैर्यपूर्वक करना चाहिए। किसी भी काम को करते समय जल्दीबाजी नहीं करनी चाहिए। 

7. भगवान गणेश के आस-पास ऋद्धि और सिद्धि के दर्शन होते हैं, जो इस बात का संदेश है कि जीवन में बुद्धि का सदुपयोग करने वाला हमेशा सुख और शांति को पाता है।