Astro Tips For Home: महाभारत, पद्म पुराण, विष्णु पुराण और चरक संहिता सहित अन्य स्मृति ग्रंथों में भोजन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। इन ग्रंथों के अनुसार भोजन संबंधी नियमों को ध्यान में रखा जाए तो निरोगी रहा जा सकता है।
Gangaur Teej 2024 Date: चैत्र मास में नवरात्रि के दौरान गणगौर तीज का व्रत किया जाता है। इस व्रत में शिव-पार्वती की पूजा का विधान है। वैसे तो ये राजस्थान का लोक उत्सव है, लेकिन पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
Chaitra Navratri 2024 Date: नवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। अधिकांश लोग सिर्फ 2 नवरात्रि के बारे में जानते हैं जो आमतौर पर अप्रैल और अक्टूबर महीने में मनाई जाती है। इनके अलावा 2 नवरात्रि और भी होती है, जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं।
Devi Ke Superhit Bhajans: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 9 से 17 अप्रैल तक मनाया जाएगा। इन 9 दिनों में रोज माता के भजनों की धुन सुनाई देती है। माता के भजनों के बिना नवरात्रि का पर्व पूरा नहीं होता।
Premanand Maharaj of Vrindavan: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के चलते अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। हाल ही में उनसे मिलने सैनिकों का एक दल पहुंचा। उस दौरान प्रेमानंद महाराज ने उन्हें राष्ट्र धर्म की बात बताई।
Kab Hai Surya Grahan 2024: इस बार चैत्र मास की अमावस्या 8 अप्रैल, सोमवार को है। इस दिन सूर्यग्रहण का संयोग बन रहा है, जिसके चलते ये तिथि और भी खास हो गई है। इस दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए।
Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल, सोमवार को होने जा रहा है। सूर्यग्रहण को लेकर भारत की तरह ही विदेशों में भी कईं तरह की मान्यताएं हैं। ये मान्यताएं काफी अजीब हैं, इनके अपने-अपने तर्क हैं।
Somvati Amavasya 2024 Upay: ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेवता हैं। इसलिए अमावस्या तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय आदि किए जाते हैं। अमावस्या तिथि यदि सोमवार को हो तो ये सोमवती अमावस्या कहलाती है।
Chaitra Navratri 2024 Date: चैत्र मास में हर साल नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन से ही हिंदू नववर्ष की शुरूआत भी होती है। इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व अप्रैल महीने में मनाया जाएगा। नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन की परंपरा भी है।
Premanand Maharaj of Vrindavan: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने और उनके प्रवचन सुनने के लिए रोज हजारों लोग आते हैं। महाराज श्री अपने प्रवचनों के दौरान समाज पर फैले अंधविश्वास पर भी कड़ा प्रहार करते हैं।