सार

महाभारत के अनुसार, कुरुक्षेत्र में हुए कौरव-पांडवों के युद्ध में कुल 18 अक्षौहिणी सेनाओं ने युद्ध किया था। इनमें से 11 अक्षौहिणी सेना कौरवों के पक्ष में थी, वहीं 7 ने पांडवों के पक्ष में युद्ध किया था।

उज्जैन. 1 अक्षौहिणी सेना में कितने रथ, हाथी, पैदल सैनिक व घोड़े होते हैं, इसके संबंध में महाभारत के पर्वसंग्रह पर्व के दूसरे अध्याय में विस्तार पूर्वक बताया गया है। इसकी जानकारी इस प्रकार है-

- एक रथ, एक हाथी, पांच पैदल सैनिक और तीन घोड़ों को मिलाकर एक पत्ति बनती है।
- पत्ति की तिगुनी संख्या को सेनामुख कहते हैं। तीन सेनामुख का एक गुल्म होता है।
- तीन गुल्म का एक गण, तीन गण की एक वाहिनी और तीन वाहिनियों को एक पृतना होती है।
- तीन पृतना की एक चमू, तीन चमू की एक अनीकिनी और 10 अनीकिनी की एक अक्षौहिणी होती है।
- इस प्रकार एक अक्षौहिणी सेना में इक्कीस हजार आठ सौ सत्तर रथ होते हैं।
- इस गणना के अनुसार, एक अक्षौहिणी सेना में हाथी की स्ंख्या भी इक्कीस हजार आठ सौ सत्तर होती है।
- एक अक्षौहिणी सेना में पैदल सैनिकों की संख्या एक लाख नौ हजार तीन सौ पचास होती है।
- एक अक्षौहिणी सेना में घोड़ों की संख्या पैंसठ हजार छ: सौ दस बताई गई है।
- इस प्रकार एक अक्षौहिणी सेना में 21870 रथ, इतने ही हाथी, 109350 सैनिक और 65610 घोड़े होते हैं।