Bahula Chaturthi 2025 Date: भाद्रपद मास में बहुला चतुर्थी का व्रत किया जाता है। ये साल में आने वाली 4 सबसे बड़ी चतुर्थी तिथि में से एक है। इस बार ये व्रत अगस्त मास में किया जाएगा। जानें बहुला चतुर्थी 2025 की सही डेट।

Bahula Chaturthi 2025 Kab Hai: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चतुर्थी का व्रत किया जाता है। ये चतुर्थी साल की 4 प्रमुख चतुर्थी में से एक है। इसलिए इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन महिलाएं पहले भगवान श्रीगणेश की और बाद में चंद्रमा की पूजा करती हैं। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। इस बार बहुला चतुर्थी का व्रत अगस्त 2025 के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। आगे जानिए बहुला चतुर्थी 2025 की सही डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि सहित पूरी डिटेल…

कब है बहुला चतुर्थी 2025?

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 12 अगस्त, मंगलवार की सुबह 08 बजकर 41 मिनिट से शुरू होगी जो 13 अगस्त, बुधवार की सुबह 06 बजकर 36 मिनिट तक रहेगी। चूंकि चतुर्थी तिथि का चंद्रमा 12 अगस्त, मंगलवार को उदय होगा, इसलिए इसी दिन बहुला चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन सुकर्मा और सर्वार्थसिद्धि नाम के शुभ योग दिन भर रहेंगे।

बहुला चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त

बहुला चतुर्थी पर चंद्रमा उदय होने से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है और बाद में चंद्रमा की। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 08 बजे से 08:45 तक रहेगा। रात 08:59 पर चंद्रमा उदय होने पर इसकी भी विधि-विधान से पूजा करें।

बहुला चतुर्थी व्रत-पूजा विधि 

- 12 अगस्त, मंगलवार की सुबह महिलाएं जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें। मन ही मन में भगवान श्रीगणेश के मंत्रों को जाप करें।
- शाम को चंद्रोदय से पहले शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा एक साफ स्थान पर स्थापित करें। सबसे पहले भगवान की प्रतिमा पर कुमकुम से तिलक करें फिर फूलों की माला पहनाएं।
- श्रीगणेश की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। अबीर, गुलाल, रोली, हल्दी, फूल, दूर्वा, नारियल आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं। अपनी इच्छा अनुसार भगवान श्रीगणेश को भोग लगाएं।
- पूजा करते समय ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप निरंतर करते रहें। विधि-विधान से आरती करें। जब चंद्रमा उदय हो जाए जल से अर्घ्य दें, कुमकुम, फूल और चावल आदि चीजें अर्पित करें।
- पूजा के बाद प्रसाद खाकर व्रत खोलें और फिर भोजन करें। इस प्रकार बहुला चतुर्थी का व्रत करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी हो सकती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।