Lakshmi Puja Shubh Mahurat: दिवाली 2025 पर दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अन्य शहरों में लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त का पता लगाएं। देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद लें और सरल अनुष्ठानों और पूजा सामग्री के साथ अपने घर में सुख और समृद्धि लाएं।
Diwali 2025 Lakshmi Puja Muhurat: रोशनी का त्योहार दिवाली, भारत का सबसे बड़ा और सबसे खुशी का त्योहार है। इस दिन हर घर में दीप जलाए जाते हैं, मिठाइयां बांटी जाती हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और घरों को स्वच्छता, भक्ति और प्रकाश से भरकर धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस वर्ष लक्ष्मी पूजा सोमवार, 20 अक्टूबर को होगी। पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल में इसे करना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि इसी समय देवी लक्ष्मी का आगमन होता है।
लक्ष्मी पूजा 2025 का शुभ मुहूर्त
- प्रदोष काल: शाम 5:46 से रात 8:18 बजे तक
- वृषभ काल: शाम 7:08 से रात 9:03 बजे तक
- अमावस्या तिथि: प्रारंभ – 20 अक्टूबर, दोपहर 3:44 बजे, समाप्ति – 21 अक्टूबर, शाम 5:54 बजे
प्रमुख शहरों में पूजा का समय
- दिल्ली: सुबह 7:08 से रात 8:18 बजे तक
- गुरुग्राम: सुबह 7:09 से रात 8:19 बजे तक
- जयपुर: सुबह 7:17 से रात 8:25 बजे तक
- चंडीगढ़: सुबह 7:06 से रात 8:19 बजे तक
- मुंबई: सुबह 7:41 से रात 8:41 बजे तक
- अहमदाबाद: सुबह 7:36 से रात 8:40 बजे तक
- कोलकाता: 21 अक्टूबर, सुबह 5:06 से शाम 5:54 बजे तक
- बेंगलुरु: सुबह 7:31 सुबह – 08:25
- हैदराबाद: 07:21 – 08:19
- चेन्नई: 07:20 – 08:14
लक्ष्मी पूजा विधि और तैयारी
दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठें, घर की सफाई करें और अपने पूर्वजों और कुलदेवताओं का स्मरण करें। कई लोग इस दिन व्रत या श्राद्ध कर्म भी करते हैं और शाम को लक्ष्मी पूजा के बाद भोजन करते हैं। घर को गेंदे के फूल, आम या केले के पत्ते और अशोक की टहनियों से सजाना शुभ होता है। मुख्य द्वार के पास जल से भरा मंगल कलश और उस पर एक नारियल रखें; इससे घर में सौभाग्य बढ़ता है।
सरल पूजा विधि
- एक लाल कपड़ा बिछाएं और दाईं ओर देवी लक्ष्मी और बाईं ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
- एक सफेद कपड़े पर नवग्रह के लिए चावल की 9 छोटी ढेरियां बनाएं।
- एक कलश में जल, चावल, एक सिक्का और सुपारी रखें, फिर उसके ऊपर आम के पत्ते और फिर एक नारियल रखें।
- देवी लक्ष्मी के सामने गेहूं या आटे की 16 छोटी-छोटी ढेरियां बनाएं।
- देवी लक्ष्मी के पास सोने या चांदी के सिक्के रखें।
- फूल, मिठाई, फल और धूप अर्पित करें और लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें।
श्री लक्ष्मी ध्यान मंत्र
“य स पद्मासनस्थ विपुलकति पद्मपत्रयताक्षी… स नित्यं पद्महस्त मम वास्तु गृहे सर्व-मांगल्य-युक्त।”
दिवाली का धार्मिक महत्व
दिवाली की रात देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। सही समय पर, साफ़-सफ़ाई और सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में समृद्धि बनी रहती है। इस प्रकार, लक्ष्मी पूजा केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि घर में धन, सौभाग्य और समृद्धि लाने का सबसे पवित्र तरीका है।
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