Ganesh Ji Ki Aarti: क्या आप गणेश जी की आरती करने की सही विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं? यह आरती भगवान गणेश की कृपा, बुद्धि, धन और शांति पाने का रहस्य छुपाती है। हर काम में सफलता और समृद्धि पाने के लिए आरती की विधि, लाभ और महत्व जानें।

Ganesh ji Ki Aarti: प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती। इसीलिए हर शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है। इसके अलावा, पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती अवश्य करनी चाहिए। गणेश आरती के बोल, "जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा" हिंदी में पढ़ें, साथ ही गणेश आरती का महत्व, लाभ, सही समय और अन्य जानकारी भी पढ़ें।

श्री गणेश जी आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

गणेश जी की आरती का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, गणेश पूजा के बाद आरती अवश्य करनी चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश को बुद्धि के देवता के साथ-साथ विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। ऐसे में इस आरती को करने से बुद्धि की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है तथा हर क्षेत्र में सफलता के साथ-साथ धन लाभ भी होता है।

भगवान गणेश की आरती करने के लाभ

  • गणेश आरती करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
  • इस आरती को करने से उनकी पत्नियां ऋद्धि और सिद्धि भी प्रसन्न होती हैं, जिससे धन और समृद्धि की कभी कमी नहीं होती।
  • जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और खुशियां आती हैं।
  • गणेश आरती करने से एकाग्रता बढ़ती है और विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
  • अगर आपको विवाह संबंधी समस्याएं आ रही हैं या आप अपने शत्रुओं पर विजय पाना चाहते हैं, तो आपको यह गणेश आरती अवश्य पढ़नी चाहिए।
  • अगर आपकी कुंडली में बुध दोष है या बुध ग्रह ख़राब स्थिति में है, तो गणेश पूजा के साथ यह आरती करने से ग्रह की स्थिति में सुधार होता है।

गणेश आरती कैसे करें

गणेश आरती करते समय, सुनिश्चित करें कि हर शब्द का उच्चारण सही हो और कोई त्रुटि न हो। पीतल, चांदी या किसी अन्य थाली में घी का दीपक जलाएं। दीपक में एक गोल बाती रखें। इसके साथ ही कपूर भी जलाएं। सबसे पहले, ऊपर की ओर मुख करके तीन बार शंख बजाएँ। इसके बाद घंटी, ताली या अन्य वाद्य यंत्रों से भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें। अंत में, दो बार जल पिएं और फिर किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।

भगवान गणेश की आरती का सही समय?

ब्रह्म मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। सूर्योदय के समय गणेश आरती करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसलिए, आप सुबह 5 से 6 बजे के बीच ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्योदय के समय आरती कर सकते हैं। शाम को भी गणेश आरती करनी चाहिए।

गणेश आरती के बाद क्या करें?

गणेश आरती विधिपूर्वक करने के बाद, भगवान गणेश की स्तुति का जाप करें। फिर जल से आचमन करें। स्वयं आरती लेने के बाद घर के अन्य सदस्यों की भी आरती करें।