MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Religion
  • Puja Vrat Katha
  • Ghat Sthapna Muhurat 2025: कैसे करें घट स्थापना, कौन-सा मंत्र बोलें? जानें विधि, मुहूर्त और आरती

Ghat Sthapna Muhurat 2025: कैसे करें घट स्थापना, कौन-सा मंत्र बोलें? जानें विधि, मुहूर्त और आरती

Ghat Sthapna Muhurat 2025: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की परंपरा है, जिसे कलश स्थापना भी कहते हैं। घट स्थापना के साथ ही नवरात्रि पर्व शुरू होता है। नवरात्रि में घट स्थापना का अपना विशेष महत्व है।

3 Min read
Manish Meharele
Published : Sep 20 2025, 11:07 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
14
नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें घट स्थापना?
Image Credit : Gemini AI

नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें घट स्थापना?

Shardiya Navratri 2025 Ghat Sthapana Muhurat: वैसे तो नवरात्रि पर्व साल में 4 बार मनाया जाता लेकिन इन सभी में शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे ज्यादा माना गया है। साल 2025 में शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने से इस बार नवरात्रि पर्व 9 नहीं बल्कि 10 दिनों तक मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि में गरबा नृत्य कर देवी की उपासना करने की परंपरा है। नवरात्रि में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आगे जानिए नवरात्रि के पहले दिन कब करें कलश स्थापना, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त आदि की डिटेल…


ये भी पढ़ें-
Mata Bhajans Lyrics: माता के 10 फेमस भजन, जिन्हें सुनकर आप भी खो जाएंगे भक्ति में

24
शारदीय नवरात्रि 2025 घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
Image Credit : Getty

शारदीय नवरात्रि 2025 घट स्थापना के शुभ मुहूर्त

सुबह 06:09 से 08:06 तक
सुबह 09:11 से 10:43 तक
सुबह 11:48 से दोपहर 12:37 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 01:42 से 03:13 तक
शाम 04:45 से 06:16 तक
शाम 06:15 से रात 07:44 तक


ये भी पढ़ें-
Mata Bhajans Lyrics: माता के 10 फेमस भजन, जिन्हें सुनकर आप भी खो जाएंगे भक्ति में

34
शारदीय नवरात्रि घट स्थापना विधि
Image Credit : Getty

शारदीय नवरात्रि घट स्थापना विधि

- घर में सार्वजनिक स्थान पर, जहां भी आप घट स्थापना करना चाहते हैं, उस जगह की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। उस स्थान को गोमूत्र या गंगा जल छिड़ककर पवित्र कर लें।
- इस स्थान पर थोड़े से चावल रख इसके ऊपर लकड़ी का पटिया, जिसे बाजोट भी कहते हैं रख दें। बाजोट पर लाल कपड़ा बिछा दें। इसके आस-पास कोई भी अनुपयोगी वस्तु न रखें।
- बाजोट पर मिट्टी की छोटी मटकी या तांबे के कलश में शुद्ध जल भरकर रख दें। इस पर कुंकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और इसमें फूल, दूर्वा, चावल, चंदन, रोली, हल्दी आदि चीजें डालें।
- कलश-मटकी के मुख पर मौली यानी पूजा का धागा बांधें। इसके ऊपर आम के पत्ते रख इसे नारियल से ढंक दें। ऊं नमश्चण्डिकाये मंत्र बोल इस कलश या मटकी को स्थापित कर दें।
- कलश के पास ही देवी दुर्गा का चित्र रखें। उसे तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं। शुद्ध घी का दीपक लगाएं और अबीर-गुलाल आदि चढ़ाकर पूजा भी करें। इच्छा अनुसार भोग भी लगाएं।
- इस प्रकार पूजा करने के बाद विधि-विधान से देवी की आरती करें। नवरात्रि में रोज 9 दिनों इसी विधि से कलश और देवी की पूजा करें। इस तरह रोज देवी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

44
मां दुर्गा की आरती (Devi Durga Ki Aarti)
Image Credit : Getty

मां दुर्गा की आरती (Devi Durga Ki Aarti)

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥ जय अम्बे…
माँग सिंदुर विराजत टीको मृगमदको।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको ॥2॥ जय अम्बे.…
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्त-पुष्प गल माला, कण्ठनपर साजै ॥3॥ जय अम्बे…
केहरी वाहन राजत, खड्ग खपर धारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहरी ॥4॥ जय अम्बे…
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥5॥ जय अम्बे…
शुंभ निशुंभ विदारे, महिषासुर-धाती।
धूम्रविलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥ जय अम्बे…
चण्ड मुण्ड संहारे, शोणितबीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥7॥ जय अम्बे…
ब्रह्माणी, रूद्राणी तुम कमलारानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी ॥8॥ जय अम्बे…
चौसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा औ बाजत डमरू ॥9॥ जय अम्बे…
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता सुख सम्पति करता ॥10॥ जय अम्बे…
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।
मनवाञ्छित फल पावत, सेवत नर-नारी ॥11॥ जय अम्बे…
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
(श्री) मालकेतु में राजत कोटिरतन ज्योती ॥12॥ जय अम्बे…
(श्री) अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पति पावै ॥13॥ जय अम्बे...


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया में 19 साल का अनुभव, अभी एशियानेट न्यूज हिंदी के डिजिटल में काम कर रहे हैं। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। ज्योतिष-हस्तरेखा, उपाय, वास्तु, कुंडली जैसे टॉपिक पर पकड़ है। यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं । करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डॉट कॉम में धर्म डेस्क पर काम किया है।
शारदीय नवरात्रि

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved