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Jitiya Vrat 2025: पहली बार रख रही हैं जितिया व्रत? भूलकर भी न करें ये गलतियां!
Jitiya Vrat 2025 Date: जितिया व्रत 14 सितंबर को मनाया जाएगा। यह कठिन निर्जला व्रत संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। जिउतिया धागा धारण करें और गलतियों से बचें।

जितिया व्रत के नियम
जितिया व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, जो 14 सितंबर को है। बिहार में यह छठ पूजा के बाद सबसे खास त्योहार है, जो तीन दिनों तक चलता है। इस व्रत को शुरू करने से पहले नोनी साग खाने की भी परंपरा है। जो महिलाएं यह व्रत रखने जा रही हैं, उनके लिए यह जरूरी है कि वे इसके नियमों को जानें। अगर आप जितिया व्रत में कुछ गलतियां करती हैं, तो आपको पूरा फल नहीं मिलेगा। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि जीवित्पुत्रिका व्रत में क्या नहीं करना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए।
जितिया व्रत में निर्जला व्रत रखने का नियम
जितिया व्रत में निर्जला व्रत रखने का नियम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रती को जितिया व्रत पूरा होने तक जल या भोजन जैसी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। जितिया व्रत में कुछ भी खाने-पीने से व्रत खंडित हो जाता है और कोई फल नहीं मिलता।
गंदा, पुराना या टूटा हुआ धागा न पहनें
जितपुत्रिका व्रत में महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा के लिए जिउतिया धागा धारण करती हैं। यह धागा शुभ मुहूर्त और सही विधि-विधान से ही धारण करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गलती से भी गंदा, पुराना या टूटा हुआ धागा धारण करना अशुभ होता है।
अपने बच्चों पर क्रोध न करें
जितिया व्रत के दौरान व्रती महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे परिवार में किसी पर या अपने बच्चों पर क्रोध न करें। व्रत के दौरान क्रोध या अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।
तामसिक भोजन न बनाएं
यदि घर में कोई जितिया व्रत नहीं कर रहा हो, तब भी इस व्रत के दौरान प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन या घर में खाना नहीं बनाना चाहिए। व्रती परिवार को भी केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए।