सार

Somvati Amavasya 2023 Kab Hai: आज 13 नवंबर 2023 को सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। ये दिन स्नान-दान, उपाय, पितृ तर्पण और पूजा के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस बार सोमवती अमावस्या पर कईं शुभ योग बन रहे हैं।

 

Somvati Amavasya 2023 Shubh Muhurat: धर्म ग्रंथों में अमावस्या तिथि का बहुत विशेष महत्व बताया गया है। ये तिथि जब सोमवार को आती है तो सोमवती अमावस्या का शुभ योग बनता है। इस बार ये शुभ योग 13 नवंबर 2023 को बन रहा है। खास बात ये है कि संयोग दिवाली के दूसरे ही बन रहा है। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि सहित पूरी डिटेल…

सोमवती अमावस्या 2023 शुभ योग-मुहूर्त (Somvati Amavasya 2023 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 12 नवंबर, रविवार की दोपहर 02:45 से 13 नवंबर, सोमवार की दोपहर 02:57 तक रहेगी। चूंकि अमावस्या का सूर्योदय 13 नवंबर, सोमवार को होगा, इसलिए इस दिन सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सौभाग्य, शोभन और मित्र नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इस दिन के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-
- सुबह 05.06 से 05.54 तक (स्नान के लिए)
- सुबह 09:27 से 10:49 तक
- सुबह-11:49 से दोपहर 12:32 तक
- दोपहर 01:33 से 02:55 तक

इस विधि से करें शिवजी की पूजा (Somvati Amavasya 2023 Puja Vidhi)
- चूंकि सोमवार भगवान शिव का प्रिय दिन माना जाता है। इसलिए सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा विशेष शुभ मानी गई है। 13 नवंबर की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- शुभ मुहूर्त में घर में किसी साफ स्थान पर एक बाजोट यानी पटिया रखें। इस पर शिव परिवार चित्र की स्थापना करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। सभी का कुमकुम से तिलक करें और हार-फूल चढ़ाएं।
- माता पार्वती को सुहाग की सामग्री जैसे लाल चुनरी, सिंदूर आदि चीजें चढ़ाएं। शिवजी को बिल्वपत्र भांग, धतूरा, सफेद फूल और फल आदि चीजें एक-एक करके अर्पित करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।
- इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार भगवान को भोग लगाएं और आरती करें। अगर व्रत करना चाहते हैं तो एक सय भोजन या फलाहार कर सकते हैं। सोमवती अमावस्या व्रत से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


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