Karwa Chauth 2025: करवा चौथ 2025 पर अपने रिश्ते में मिठास लाने के लिए जोड़ों को कौन से रंग पहनने चाहिए? रात में चांद को अर्घ्य देते समय उन्हें क्या कहना चाहिए? व्रत का अधिकतम लाभ उठाने के लिए शुभ रंग, पूजा विधि, मंत्र और चंद्रोदय के समय में जानें।
Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का पावन पर्व बस कुछ ही घंटों की दूरी पर है। हिंदू धर्म में यह पर्व हर विवाहित जोड़े के लिए बेहद खास होता है। इसे वैवाहिक मजबूती, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, वैवाहिक जीवन में प्रेम, मजबूत रिश्तों और अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन, भक्त करवा देवी की पूजा करते हैं और व्रत कथा का पाठ करते हैं। रात में चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद, वे अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके अपना व्रत तोड़ती हैं। इस पर्व पर श्रृंगार को विशेष महत्व दिया जाता है। मान्यता है कि इस पावन दिन अगर महिलाएं सोलह श्रृंगार के साथ विशेष रंगों के कपड़े पहनें, तो व्रत का फल दोगुना हो जाता है। आइए जानें करवा चौथ पर कौन से रंग पहनना शुभ माना जाता है साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देते वक्त क्या बोलना चाहिए?
करवा चौथ पर कौन से रंग पहनना शुभ होता है?
करवा चौथ पर लाल, हरा, पीला, मैरून और गुलाबी रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ माना जाता है। इन सभी रंगों का अपना अलग महत्व है।
- लाल रंग प्रेम, सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में मधुरता का प्रतीक है। हिंदू धर्म में, विवाह से लेकर हर शुभ अवसर पर लाल रंग पहनना शुभ माना जाता है।
- पीला रंग सौभाग्य, समृद्धि, आशा और उत्साह का प्रतीक है। पूजा या किसी भी नए और शुभ कार्य के दौरान यह रंग बहुत शुभ माना जाता है। यह सकारात्मकता का प्रतीक है।
- हरा रंग मन को शांति प्रदान करता है। इसे जीवन में स्थिरता, वैवाहिक सुख, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसलिए करवा चौथ पर हरे रंग के कपड़े पहनना भी बहुत शुभ होता है।
करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दें?
- शाम को करवा देवी की पूजा विधि पूरी करें।
- इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें।
- पूजा पूरी होने पर, पूजा की थाली को अपने घर की छत या आंगन में ले आएँ।
- थाली में जल से भरा लोटा, करवा, छलनी, चावल, मिठाई, फूल, दीपक और बाती रखें।
- चंद्रमा के उदय होने पर सबसे पहले उसकी आरती करें।
- फिर छलनी में जलता हुआ दीपक रखें और चंद्रमा को निहारें।
- चंद्रमा को देखते हुए, मंत्रों का जाप करें और मन ही मन अपने पति की दीर्घायु की कामना करें।
- इसके बाद चंद्रमा को जल अर्पित करें। अर्घ्य के लिए इस्तेमाल किए गए जल में एक चांदी का सिक्का और चावल अवश्य डालें।
- फिर उसी छलनी से अपने पति का चेहरा देखें और उनके हाथों से जल ग्रहण करके व्रत तोड़ें।
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय क्या कहना चाहिए?
करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देते समय चंद्र मंत्र और चंद्र स्तुति का जाप करना चाहिए। ऐसा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
चंद्र मंत्र
ॐ श्रीं श्रीं श्रीं सः चंद्रमसे नमः
ॐ श्रीं श्रीं चंद्रमसे नमः
चंद्र स्तुति
ॐ दधि-शंख-तुषाराभं क्षीरोदर्णव-सम्भवम्।
नमामि शशिनं सोमं शम्भोरमुकुट-भूषणम्।
इसके साथ ही, चंद्रमा को अर्घ्य देते समय पति का नाम लेते हुए माता करवा से पति की दीर्घायु की प्रार्थना करनी चाहिए। इसके अलावा, वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सभी प्रकार के रोग-शोक दूर करने की कामना करनी चाहिए।
करवा चौथ 2025 में चंद्रोदय का समय क्या है?
करवा चौथ का पर्व 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रमा रात्रि 8:13 बजे उदय होगा।
चंद्रमा को अर्घ्य देने का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म में चंद्रमा को अर्घ्य देने को विशेष महत्व दिया गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मन को शांति मिलती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, सकारात्मक ऊर्जा आती है, चंद्र दोषों से मुक्ति मिलती है, दांपत्य जीवन में तनाव दूर होता है और खुशियां आती हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
