सार
Hariyali Teej Katha: इस बार हरियाली तीज का पर्व 7 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस पर्व से जुड़ी एक रोचक कथा भी है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती से संबंधित है। हरियाली तीज पर ये कथा जरूर सुननी चाहिए।
Hariyali Teej Katha Hindi Mai: हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 7 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन कुंवारी कन्याएं अच्छे पति के लिए और विवाहित महिलाएं सुखी मैरिड लाइफ के लिए महादेव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत से जुड़ी एक कथा भी है। हरियाली तीज पर इस कथा को जरूर सुनना चाहिए, तभी इस व्रत का पूरा फल मिलता है। आगे जानिए हरियाली तीज की कथा…
ये है हरियाली तीज की कथा (Hariyali Teej Story In Hindi)
- प्रचलित कथा के अनुसार, देवी पार्वती पर्वतों का राजा हिमालय की पुत्री हैं। यहीं देवी पूर्व जन्म में भगवान शिव की प्रिय पत्नी सती थीं। एक दिन नारद मुनि पर्वतराज हिमालय के पास आए और उन्होंने कहा कि ‘आपकी पुत्री महान शिवभक्त बनेगी और उन्हीं से उसका विवाह होगा।’
- नारद मुनि की बात सुनकर पर्वतराज हिमालय सोच में पड़ गए क्योंकि वे इसके लिए तैयार नहीं थे। युवा होने पर जब ये बात देवी पार्वती को पता चली तो वे पवर्तराज के इस निर्णय से काफी दुखी हुई अपनी सखियों की सलाह पर एक गुफा के अंदर रेत का शिवलिंग बनाकर तपस्या करने लगीं।
- पवर्तराज हिमालय काफी प्रयास के बाद भी देवी पार्वती को खोज नहीं पाए। देवी पार्वती की तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए और सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर देवी पावती को उन्होंने दर्शन दिए और उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करने का वचन भी दिया। इसे देवी पार्वती बहुत खुश हुई।
- देवी पार्वती को खोजते हुए हिमालय भी वहां आए गए। देवी पार्वती ने उन्हें पूरी बात सच-सच बता दी। देवी पार्वती के हठ के आगे पिता हिमालय की एक भी नहीं चली और उन्हें तुम्हारी बात मान ली। इसलिए मान्यता है कि जो भी महिला हरियाली तीज का व्रत रखती है उसका वैवाहिक जीवन सुखद रहता है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा पति मिलता है।
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