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Navratri 2025 7th Day: कब है नवरात्रि की सप्तमी तिथि, इस दिन किस देवी की पूजा करें? जानें हर बात
Navratri 2025 7th Day: शारदीय नवरात्रि का सातवे दिन की देवी देवी कालरात्रि हैं। रंग काला होने से इनका ये नाम पड़ा। इनका रूप विकराल है जिसे देखकर राक्षस भी भयभीत हो जाते हैं। जानें कब है नवरात्रि 2025 की सप्तमी तिथि?

जानें देवी कालरात्रि की पूजा से जुड़ी हर बात
Navratri 2025 Devi Kalratri Puja Vidhi: इन दिनों शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि की देवी कालरात्रि हैं जो बहुत राक्षसों का विनाश करने वाली हैं। इनका स्वरूप देखकर ही असुर कांपने लगते हैं। इस बार नवरात्रि 10 दिन होने से लोगों के मन में तिथियों को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। वैसे तो नवरात्रि का सातवां दिन 28 सितंबर को है, लेकिन सप्तमी तिथि 29 सितंबर, सोमवार को है। इसलिए इसी दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाएग। आगे जानिए देवी कालरात्रि की पूजा विधि,आरती सहित पूरी डिटेल…
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29 सितंबर 2025 शुभ मुहूर्त
सुबह 06:21 से 07:50 तक
सुबह 09:19 से 10:48 तक
दोपहर 11:53 से 12:40 तक
दोपहर 01:45 से 03:14 तक
शाम 04:43 से 06:12 तक
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देवी कालरात्रि की पूजा विधि और मंत्र
29 सितंबर, सोमवार की सुबह स्नान आदि करने के हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। ऊपर बताए गए किसी भी शुभ मुहूर्त में घर में किसी साफ स्थान पर एक लकड़ी की चौकी पर देवी कालरात्रि की तस्वीर रखें। देवी की तिलक लगाएं और फूलों की माला पहनाएं। देवी कालरात्रि की पूजा में सरसों के तेल का दीपक लगाया जाता है। अबीर, गुलाल, चावल, रोली, मेहंदी, फूल आदि चीजें एक-एक कर अर्पित करें। देवी को गुड़ का या इससे बनी चीजों जैसे रेवड़ी-गजक आदि का भोग लगाएं। नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करने के बाद आरती करें-
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
मां कालरात्रि की आरती लिरिक्स हिंदी में
कालरात्रि जय-जय-महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतार॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥
खडग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें। महाकाली माँ जिसे बचाबे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि माँ तेरी जय॥
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।